एयर इंडिया विमान हादसा: जांच में नए खुलासे, ब्लैक बॉक्स अमेरिका रवाना

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अहमदाबाद में भीषण विमान हादसा

12 जून 2025 को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर (उड़ान AI171) टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह हादसा दोपहर 1:38 बजे हुआ, जब विमान ने मेघानी नगर के एक आवासीय क्षेत्र में बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल परिसर में गोता लगाया। इस भीषण हादसे में 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों में से 241 की मौत हो गई, साथ ही जमीन पर कम से कम 38 लोगों की जान गई। कुल मृतकों की संख्या 279 तक पहुंच चुकी है, जिससे यह भारत का पिछले तीन दशकों में सबसे घातक विमान हादसा बन गया है।

एकमात्र जीवित बचे: विशवास कुमार रमेश

इस हादसे में चमत्कारिक रूप से एकमात्र यात्री, 40 वर्षीय ब्रिटिश-भारतीय विशवास कुमार रमेश, जीवित बचे। वे सीट 11A पर बैठे थे, जो आपातकालीन निकास द्वार के पास थी। रमेश ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया, “टेकऑफ के 30 सेकंड बाद एक जोरदार आवाज हुई, और फिर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। सब कुछ इतनी जल्दी हुआ। जब मैं उठा, तो चारों ओर शव बिखरे थे।” रमेश की स्थिति अब स्थिर है, और वे अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में इलाजरत हैं। उनके चचेरे भाई, हीरेन कांटिलाल, ने बताया कि रमेश का भाई अजय, जो उसी विमान में था, लापता है। रमेश ने कहा कि वे इस सदमे से उबरने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनके भाई की अनिश्चित स्थिति ने उनके दुख को और बढ़ा दिया है।

पूर्व गुजरात CM विजय रूपानी की मृत्यु

हादसे के शिकार लोगों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपानी भी शामिल थे, जो अपनी पत्नी और बेटी से मिलने लंदन जा रहे थे। उनकी पहचान डीएनए जांच के माध्यम से हुई, और उनके पार्थिव शरीर को राजकोट में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। रूपानी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया। शाह ने कहा, “विजयभाई ने गुजरात के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी कमी हमेशा खलेगी।”

जांच की प्रगति: ब्लैक बॉक्स का महत्व

हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने जांच शुरू कर दी है। दोनों ब्लैक बॉक्स—फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR)—को क्रैश साइट से बरामद कर लिया गया है। FDR को 13 जून को और CVR को 15 जून को पाया गया। हालांकि, ब्लैक बॉक्स के क्षतिग्रस्त होने की खबरें हैं, जिसके कारण डेटा विश्लेषण के लिए उन्हें अमेरिका भेजा जा रहा है। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजारापु ने कहा, “यह जांच के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। हम सभी संभावित कारणों की गहन जांच कर रहे हैं।”

जांच दल में बोइंग और अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) के विशेषज्ञ भी शामिल हैं। प्रारंभिक जांच में इंजन की खराबी, विंग फ्लैप्स की समस्या, और लैंडिंग गियर के ठीक से न खुलने की संभावनाओं पर ध्यान दिया जा रहा है। पायलट, कैप्टन सुमीत सभरवाल, ने टेकऑफ के बाद “थ्रस्ट नॉट अचीव्ड… फॉलिंग… मेडे! मेडे! मेडे!” का संदेश भेजा था, जो हादसे से ठीक पहले की गंभीर स्थिति को दर्शाता है।

डीएनए पहचान और शवों का अंतिम संस्कार

हादसे में अधिकांश शव बुरी तरह क्षतिग्रस्त या जल गए थे, जिसके कारण पहचान के लिए डीएनए टेस्टिंग पर निर्भरता बढ़ी। 19 जून तक, 210 शवों की डीएनए के माध्यम से पहचान हो चुकी थी, और 187 शवों को उनके परिवारों को सौंप दिया गया। सिविल अस्पताल के डॉ. राजनिश पटेल ने बताया कि पहचान प्रक्रिया धीमी लेकिन सटीक है, ताकि परिवारों को सही जानकारी मिल सके।

सरकारी और कॉरपोरेट प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे के अगले दिन क्रैश साइट का दौरा किया और घायलों से मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट किया, “यह त्रासदी दिल दहला देने वाली है। प्रभावित परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं।” केंद्र सरकार ने एक उच्च-स्तरीय समिति गठित की है, जो तीन महीने में प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपेगी।

एयर इंडिया और टाटा ग्रुप ने मृतकों के परिवारों के लिए 1.25 करोड़ रुपये (1 करोड़ टाटा ग्रुप और 25 लाख एयर इंडिया) की मुआवजा राशि की घोषणा की है। घायलों के इलाज का खर्च भी टाटा ग्रुप वहन कर रहा है। एयर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन ने कहा, “विमान का रखरखाव नियमित रूप से किया गया था। आखिरी पूर्ण जांच जून 2023 में हुई थी।”

बोइंग 787 की सुरक्षा पर सवाल

यह बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का पहला घातक हादसा था, जो 2009 में शुरू हुआ था। भारत के DGCA ने एयर इंडिया के सभी बोइंग 787-8 और 787-9 विमानों की अतिरिक्त सुरक्षा जांच का आदेश दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही यह मॉडल विश्वसनीय रहा हो, लेकिन हाल के वर्षों में बोइंग की सुरक्षा समस्याओं ने चिंता बढ़ाई है।

सामाजिक और वैश्विक प्रतिक्रिया

हादसे ने भारत और यूके में शोक की लहर दौड़ा दी। लंदन में भारतीय समुदाय ने भारतीय उच्चायोग के बाहर एक बहु-धार्मिक प्रार्थना सभा आयोजित की। ब्रिटिश PM कीर स्टारमर और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी शोक व्यक्त किया। अहमदाबाद में स्थानीय लोगों ने मृतकों की याद में मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि दी।

आगे की राह

जांच के परिणाम आने तक हादसे के सटीक कारणों का पता नहीं चल सकेगा। ब्लैक बॉक्स का डेटा इस पहेली को सुलझाने में महत्वपूर्ण होगा। इस बीच, प्रभावित परिवारों का दुख और अहमदाबाद की मेघानी नगर में तबाही का मंजर लोगों के दिलों में गहरे तक उतर गया है। सरकार और एयर इंडिया ने आश्वासन दिया है कि वे पीड़ितों के साथ हर कदम पर खड़े हैं।