अहमदाबाद विमान हादसे की जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित, तीन महीने में देगी रिपोर्ट

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नई दिल्ली/अहमदाबाद – अहमदाबाद में बीते गुरुवार को हुई भीषण विमान दुर्घटना की जांच के लिए केंद्र सरकार ने एक विशेष उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है, जो आगामी तीन महीनों के भीतर अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी। इस समिति का नेतृत्व केंद्रीय गृह सचिव करेंगे।

दुर्घटनाग्रस्त एअर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान का ब्लैक बॉक्स शुक्रवार शाम को बरामद किया गया। इस हादसे में अब तक कुल 275 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें विमान में सवार 241 यात्रियों और क्रू के अलावा बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल में मौजूद 34 अन्य लोग शामिल हैं। अस्पताल में अब तक 270 से अधिक शवों का पोस्टमार्टम किया जा चुका है। 230 से ज्यादा मृतकों के डीएनए नमूने लिए जा चुके हैं और 11 शवों की पहचान हो चुकी है।

संभावित साजिश की आशंका

दुर्घटना के कारणों को लेकर स्थिति अब भी स्पष्ट नहीं है। जांच की गंभीरता इस बात से समझी जा सकती है कि पहले एनआईए (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) की टीम घटनास्थल पर पहुंची और उसके बाद स्थल को एनएसजी (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड) के हवाले कर दिया गया। इससे यह संदेह और गहराता जा रहा है कि यह केवल तकनीकी गड़बड़ी का मामला नहीं, बल्कि किसी संभावित साजिश की ओर भी इशारा हो सकता है।

ब्लैक बॉक्स से मिल सकती है अहम जानकारी

नागर विमानन मंत्री राममोहन नायडू ने मीडिया को जानकारी दी कि ब्लैक बॉक्स की डिकोडिंग से यह पता चल सकेगा कि हादसे से ठीक पहले विमान में क्या हुआ था। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में विमानन सुरक्षा के लिए कठोर नियम और मजबूत प्रोटोकॉल मौजूद हैं, लेकिन इस दुर्घटना के बाद उन सभी को और बेहतर बनाने पर काम किया जाएगा।

एक और शव मिला, एअर होस्टेस होने की आशंका

शनिवार को मलबा हटाने के दौरान विमान के पिछले हिस्से में एक और शव मिला है, जो संभवतः एक एअर होस्टेस का हो सकता है। शव का पोस्टमार्टम कर लिया गया है। सिविल अस्पताल के बाहर मृतकों के परिजनों की भारी भीड़ उमड़ रही है, जहां सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं और आम लोगों की एंट्री पर रोक लगाई गई है।

जांच में कई एजेंसियां शामिल

इस विमान हादसे की जांच में कई एजेंसियां सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं, जिनमें एनएसजी, एनआईए, विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB), नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA), अहमदाबाद क्राइम ब्रांच और स्थानीय पुलिस शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार जांच दो स्तरों पर की जाएगी — तकनीकी पहलू की जांच एएआईबी और बोइंग के विशेषज्ञों द्वारा की जाएगी, वहीं दूसरी ओर संभावित आपराधिक या साजिश से जुड़े पहलुओं की भी गहराई से पड़ताल की जाएगी।

साजिश की दिशा में जांच तेज

विशेषज्ञों का मानना है कि यह जरूरी है कि जांच इस बिंदु पर भी केंद्रित हो कि कहीं विमान के इंजन या उसके अन्य महत्वपूर्ण हिस्सों के साथ कोई छेड़छाड़ तो नहीं की गई थी। प्रारंभिक रिपोर्ट में पक्षी से टकराने या अधिक वजन जैसी संभावनाओं से इनकार किया गया है, जिससे साजिश की आशंका को और बल मिला है।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि जांच निष्पक्ष, पारदर्शी और सभी संभावित पहलुओं को ध्यान में रखते हुए की जाएगी, ताकि दुर्घटना के पीछे की असली वजह सामने आ सके और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।