नई दिल्ली: भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान, भारतीय सेना की निर्णायक कार्रवाई के सामने महज आठ घंटे में झुक गया। उन्होंने संकेत दिया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत की गई सैन्य कार्रवाइयों के आंकड़े जल्द सार्वजनिक किए जाएंगे।
जनरल चौहान ने बताया कि तकनीकी विश्लेषण के आधार पर यह स्पष्ट होगा कि इस अभियान में कितने दुश्मन के विमान और रडार सिस्टम तबाह किए गए। उन्होंने जोर देकर कहा कि सेना इस संबंध में विस्तृत डेटा जारी करने की प्रक्रिया में है।
सैन्य अभियानों में संभावित खतरों की चर्चा करते हुए सीडीएस ने कहा, “कोई भी सेना किसी अभियान के लिए शत-प्रतिशत तैयार नहीं हो सकती और हर स्थिति की पूरी जानकारी पहले से नहीं हो सकती। हर ऑपरेशन में जोखिम का एक स्वाभाविक तत्व होता है, लेकिन इसके लिए पूर्वानुमान और रणनीतिक तैयारी बेहद जरूरी होती है।”
जनरल चौहान ने स्पष्ट किया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि इसके समानांतर कूटनीतिक और राजनीतिक प्रयास भी चल रहे थे। उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर द्वारा भारत और हिंदुओं के खिलाफ दिए गए भड़काऊ बयानों का भी जिक्र किया और कहा कि इस्लामाबाद का उद्देश्य भारत को ‘हजार घाव’ देने की नीति पर आधारित रहा है।
उन्होंने पहलगाम हमले को अमानवीय और अत्यंत निंदनीय करार देते हुए कहा कि यह कार्रवाई चरम क्रूरता की मिसाल थी। उन्होंने कहा कि भारत अब पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को सहन नहीं करेगा और न ही किसी प्रकार की परमाणु धमकी से भयभीत होगा।
सीडीएस ने यह भी कहा कि भारतीय सेनाओं ने लक्ष्य साधकर पाकिस्तानी आतंकी ढांचों पर सटीक हमले किए। उन्होंने कहा, “भारत अब आतंकवाद के खिलाफ अपने रुख में बदलाव लाया है। हमने पानी और आतंक को आपस में जोड़ा है, और अब सैन्य प्रतिकार की एक नई परिभाषा तय की है।”
जनरल चौहान ने अंत में यह भी जोड़ा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है, यह एक अस्थायी विराम है। उन्होंने कहा, “हमें अब भी सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि खतरा टला नहीं है।”