तालिबान ने चीन को दी सुरक्षा की गारंटी, अफगान जमीन को नहीं बनने देंगे खतरा

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बीजिंग। तालिबान की अंतरिम सरकार ने चीन को आश्वस्त किया है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी सूरत में चीन विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं होने दिया जाएगा। अफगान कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने बीजिंग में चीन के वरिष्ठ राजनयिक वांग यी से मुलाकात के दौरान यह भरोसा दिलाया।

मुत्तकी ने कहा कि उनकी सरकार चीन की सुरक्षा चिंताओं को पूरी गंभीरता से लेती है और किसी भी संगठन या ताकत को चीन के खिलाफ अफगान भूमि के दुरुपयोग की इजाजत नहीं दी जाएगी। यह बयान ऐसे वक्त आया है जब चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) को लेकर अहम समझौते पर चर्चा हुई है।

चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मुत्तकी ने सुरक्षा सहयोग बढ़ाने, हिंसक गतिविधियों पर लगाम कसने, चीन के अफगान हितों की सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त प्रयासों की इच्छा जताई है।

मुत्तकी ने त्रिपक्षीय बैठक के अलावा वांग यी से अलग से भी बातचीत की जिसमें द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग के मुद्दों पर चर्चा हुई। चीन तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद शुरू से ही उनके साथ संपर्क बनाए रखने वाला प्रमुख देश रहा है।

गौरतलब है कि अफगानिस्तान और चीन की सीमाएं वखान कॉरिडोर के जरिये जुड़ी हुई हैं, जो बदख्शां प्रांत को चीन के संवेदनशील झिंजियांग क्षेत्र से जोड़ता है। झिंजियांग में चीन ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ETIM) जैसे चरमपंथी संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहा है।

मुत्तकी ने कहा कि तालिबान सरकार पारंपरिक मित्र चीन को विदेश नीति में विशेष स्थान देती है और ‘एक-चीन’ नीति का समर्थन करते हुए बीजिंग के आंतरिक मामलों में किसी भी हस्तक्षेप का विरोध करती है।

वांग यी ने मुत्तकी की यात्रा का स्वागत करते हुए कहा कि चीन अफगानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और वहां के लोगों के स्वतंत्र निर्णयों का सम्मान करता है। साथ ही उन्होंने अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता की दिशा में चीन के निरंतर सहयोग का भरोसा दिलाया।