रामगढ़ शहर के इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित बिहार फाउंड्री प्लांट ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। निरंतर मिल रही प्रदूषण संबंधी शिकायतों को दूर करते हुए, प्लांट प्रबंधन ने अपनी चिमनी से निकलने वाले धुएं को पूरी तरह से बंद कर दिया है। लगभग दो महीने की अथक मेहनत के बाद, रविवार को इस प्रयास को सफलता मिली और अब यह प्लांट “जीरो पॉल्यूशन” की ओर अग्रसर है।
पर्यावरण संतुलन बनाए रखना प्रमुख लक्ष्य
बीएफसीएल के जीएम राकेश गुप्ता ने स्पष्ट किया कि कंपनी प्रदूषण मुक्त उद्योग संचालन के लिए पूर्णतः समर्पित है। उन्होंने बताया कि कंपनी की चिमनी से किसी भी प्रकार का वायु प्रदूषण नहीं हो रहा है और यह औद्योगिक मानकों के अनुरूप कार्य कर रही है। पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए कंपनी की टीम आधुनिक उपकरणों की सहायता से आसपास के गांवों में नियमित पर्यावरणीय गुणवत्ता परीक्षण कर रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।
हरियाली बढ़ाने के लिए वृक्षारोपण अभियान
बिहार फाउंड्री प्लांट 8.67 एकड़ भूमि में 3861 पौधे लगाने की योजना पर कार्य कर रहा है। इसके अतिरिक्त, प्लांट परिसर की सीमा से सटे क्षेत्र में लगभग 3500 पौधे भी लगाए जा रहे हैं। इस पहल से न केवल हरियाली बढ़ेगी बल्कि क्षेत्र का पर्यावरण भी अधिक स्वच्छ और सुरक्षित बनेगा। यह अभियान तेज़ी से प्रगति कर रहा है और कंपनी इसे शीघ्र ही पूर्ण करने के लिए प्रतिबद्ध है।
भ्रामक जानकारियों से बचें: प्लांट प्रबंधन की अपील
राकेश गुप्ता ने यह भी बताया कि कुछ असामाजिक तत्व पुराने वीडियो और भ्रामक जानकारियों के माध्यम से प्लांट की छवि धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि कंपनी पूरी पारदर्शिता के साथ पर्यावरणीय दिशा-निर्देशों का पालन कर रही है और हरित उद्योग, स्वच्छ भविष्य की परिकल्पना को साकार करने के लिए सतत प्रयासरत है।
बिहार फाउंड्री का यह कदम औद्योगिक क्षेत्र में एक मिसाल स्थापित कर रहा है, जिससे अन्य उद्योगों को भी प्रेरणा मिलेगी कि कैसे पर्यावरण और उद्योग साथ-साथ विकसित हो सकते हैं।