झारखंड की राजधानी रांची में बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और जिला परिषद के पूर्व सदस्य अनिल टाइगर की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना कांके चौक पर हुई, जहां मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने अचानक उन पर गोलियां चला दीं। पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए एक आरोपी को पिठौरिया से गिरफ्तार कर लिया है, साथ ही हत्या में प्रयुक्त बाइक भी बरामद कर ली गई है।
भाजपा ने राज्य सरकार पर साधा निशाना
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “भाजपा रांची ग्रामीण इकाई के जिला महासचिव और पूर्व जिला परिषद सदस्य अनिल टाइगर जी को अपराधियों द्वारा गोली मारे जाने की खबर से स्तब्ध हूं। अपराधी बेखौफ होकर जनप्रतिनिधियों पर हमला कर रहे हैं। राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है, जहां न तो जनप्रतिनिधि सुरक्षित हैं और न ही आम नागरिक।”
मरांडी ने आगे कहा कि इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।
आजसू पार्टी का रांची बंद का आह्वान
अनिल टाइगर की हत्या के विरोध में ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) पार्टी ने रांची बंद बुलाया है। पार्टी के जिलाध्यक्ष संजय महतो ने इस संबंध में घोषणा करते हुए बताया कि अनिल टाइगर ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत आजसू पार्टी से की थी और वे आजसू के जिलाध्यक्ष भी रह चुके थे।
संजय महतो ने कहा, “हमारी पार्टी इस नृशंस हत्या के खिलाफ विरोध जताते हुए रांची बंद का आह्वान करती है। यह घटना दर्शाती है कि झारखंड में अपराधी बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं और कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है।” उन्होंने सरकार से अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की।
कानून-व्यवस्था पर उठ रहे सवाल
भाजपा और आजसू पार्टी के विरोध के बीच झारखंड में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर एक बार फिर बहस तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं और इसे प्रशासनिक विफलता करार दिया है।
इस बीच, पुलिस ने कहा है कि वे इस हत्या की गहन जांच कर रहे हैं और जल्द ही अन्य दोषियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस अधिकारियों ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है और आश्वासन दिया है कि अपराधियों को जल्द ही कानून के दायरे में लाया जाएगा।
इस घटना से रांची समेत पूरे झारखंड में तनाव की स्थिति बनी हुई है और आम जनता भी राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठा रही है।