मशहूर बिस्कुट निर्माता पारले ग्रुप पर इनकम टैक्स विभाग ने आज सुबह छापेमारी की। पारले-जी, मोनाको और अन्य लोकप्रिय ब्रांड्स के लिए प्रसिद्ध इस कंपनी के मुंबई स्थित कई ठिकानों पर तलाशी अभियान चल रहा है।
इनकम टैक्स विभाग की जांच जारी
आयकर विभाग की विदेशी संपत्ति इकाई (फॉरेन एसेट यूनिट) और मुंबई की इन्वेस्टिगेशन विंग के अधिकारी संयुक्त रूप से इस कार्रवाई को अंजाम दे रहे हैं। हालांकि, अभी तक छापेमारी के पीछे की स्पष्ट वजह सामने नहीं आई है। इनकम टैक्स विभाग ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है कि छानबीन पूरी होने के बाद ही इसकी असली वजह सामने आएगी। फिलहाल, अधिकारी कंपनी के वित्तीय दस्तावेजों और लेन-देन की बारीकी से जांच कर रहे हैं।
FY24 में पारले-जी का मुनाफा हुआ दोगुना
यह छापेमारी ऐसे समय में हुई है जब पारले ग्रुप ने वित्त वर्ष 2023-24 में शानदार मुनाफा दर्ज किया। प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) के अनुसार,
• FY24 में कंपनी का मुनाफा दोगुना होकर 1,606.95 करोड़ रुपये पहुंच गया, जबकि FY23 में यह 743.66 करोड़ रुपये था।
• कंपनी की ऑपरेशनल इनकम में 2% की वृद्धि हुई, जो बढ़कर 14,349.4 करोड़ रुपये हो गई।
• कुल राजस्व में 5.31% की बढ़ोतरी दर्ज हुई, जो 15,085.76 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
यह आंकड़े बताते हैं कि पारले बिस्कुट की बाजार में मांग आज भी काफी मजबूत बनी हुई है।
90 साल से अधिक पुराना है पारले का इतिहास
पारले ग्रुप की स्थापना साल 1929 में हुई थी। माना जाता है कि कंपनी का नाम मुंबई के विले-पार्ले इलाके से प्रेरित है।
• 1938 में पहली बार ‘पारले-ग्लूको’ के नाम से बिस्किट का उत्पादन शुरू हुआ।
• आजादी से पहले इसे ‘ग्लूको बिस्किट’ के नाम से जाना जाता था।
• गेहूं की कमी के चलते आजादी के बाद कुछ समय के लिए इसका उत्पादन बंद करना पड़ा।
• लेकिन जब उत्पादन फिर से शुरू हुआ, तब तक ब्रिटानिया जैसी कंपनियां भी ग्लूकोज-डी बिस्किट के साथ बाजार में उतर चुकी थीं।
उद्योग जगत में हलचल, आधिकारिक बयान का इंतजार
पारले ग्रुप जैसी प्रतिष्ठित और लोकप्रिय कंपनी पर हुई इस छापेमारी से उद्योग जगत में हलचल मच गई है। आगे की जानकारी के लिए इनकम टैक्स विभाग के आधिकारिक बयान का इंतजार किया जा रहा है।