झारखंड सरकार ने ‘मैया सम्मान योजना’ के तहत महिलाओं के खातों में डाले ₹1,415 करोड़, 56 लाख माताओं को सीधा लाभ

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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को ‘मैया सम्मान योजना’ के अंतर्गत 56.61 लाख महिला लाभार्थियों के बैंक खातों में कुल 1 हजार 415.44 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता हस्तांतरित की. यह ऐतिहासिक पहल राज्य में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के उद्देश्य से की गई है. नामकुम में आयोजित इस समारोह को राज्य सरकार की कल्याणकारी नीतियों का एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

दरअसल, यह समारोह पहले 28 दिसंबर को आयोजित होना था, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर राष्ट्रीय शोक के कारण इसे स्थगित कर दिया गया. मुख्यमंत्री सोरेन ने इस मौके पर कहा, झारखंड अब दशकों के शोषण से उबरकर नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है. राज्य की महिलाओं को मजबूत करने का यह हमारा संकल्प है और यह योजना उनकी आर्थिक स्वतंत्रता का प्रतीक बनेगी।

महिलाओं को सशक्त बनाने की पहल

‘मैया सम्मान योजना’ के तहत झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने महिलाओं को मासिक आर्थिक सहायता देने की शुरुआत की थी. दिसंबर 2024 में इस योजना को और मजबूत बनाते हुए मासिक मानदेय को 1000 रुपये से बढ़ाकर 2 हजार 500 रुपये करने का निर्णय लिया गया. इस योजना की शुरुआत अगस्त 2023 में की गई थी. पहले चरण में 18-50 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये की सहायता दी गई. इससे लगभग 56 लाख महिलाएं लाभान्वित हुईं. अब यह राशि बढ़ाकर 2 हजार 500 रुपये की जा रही है, जो राज्य की महिलाओं की आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।

चुनावी रणनीति में योजना की भूमिका

‘मैया सम्मान योजना’ का झारखंड में राजनीतिक और सामाजिक दोनों ही स्तरों पर प्रभाव पड़ा है. इसे राज्य में गठबंधन की चुनावी सफलता को बढ़ावा देने वाला कदम माना जा रहा है. भारतीय ब्लॉक की सफलता के लिए इस योजना को एक महत्वपूर्ण आधार के रूप में देखा गया है. मुख्यमंत्री सोरेन ने भरोसा जताया कि यह पहल झारखंड को विकास के एक नए पथ पर ले जाएगी।