झारखंड में मौसम का कहर: ओलावृष्टि और तूफानी हवाओं ने मचाई तबाही, जनजीवन प्रभावित

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गुरुवार को झारखंड में मौसम ने अचानक करवट ली और राज्यभर में तबाही का मंजर देखने को मिला। राजधानी रांची सहित राज्य के कई जिलों में दोपहर से लेकर देर शाम तक तेज आंधी, मूसलधार बारिश और ओलावृष्टि ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया। ओलों की बौछार ने सड़कों और खेतों को बर्फ जैसी सफेद चादर से ढक दिया, मानो किसी पहाड़ी इलाके में बर्फबारी हो रही हो।

इस अप्रत्याशित मौसमी बदलाव के दौरान वज्रपात की घटनाओं में पांच लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। मौसम विभाग के अनुसार, कुछ इलाकों में करीब 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं, जिससे कई स्थानों पर पेड़ उखड़कर गिर गए। खासकर संताल क्षेत्र में पेड़ों के गिरने से सड़क यातायात बाधित हुआ।

रबी की फसलों के साथ-साथ आम की फसल को भी भारी नुकसान पहुंचा है। तेज ओलावृष्टि और बारिश ने खेतों को तबाह कर दिया, जिससे किसानों को भारी आर्थिक क्षति उठानी पड़ी है।

धनबाद और संताल परगना के कई जिलों में दोपहर बाद साढ़े तीन बजे के बाद से भारी बारिश और ओलावृष्टि शुरू हुई। इससे शहर की सड़कों पर पानी भर गया और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। सिंदरी और उसके आसपास के इलाकों में पेड़ बिजली के तारों पर गिर गए, जिससे कई जगहों पर विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई। चासनाला, झरिया और भौंरा जैसे क्षेत्रों में तार टूटने की खबरें भी सामने आईं।

कोल्हान प्रमंडल के पश्चिमी सिंहभूम जिले में भी बारिश के चलते बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई। बंगाल से सटे जिलों में विशेष रूप से ओलावृष्टि के प्रकोप की खबरें हैं। झारखंड के पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, बोकारो, धनबाद, हजारीबाग, खूंटी, रांची, रामगढ़, गिरिडीह और संताल परगना जैसे जिलों में बारिश और ओलावृष्टि ने अधिकतम तापमान को काफी हद तक गिरा दिया है, जिससे आमजन को भीषण गर्मी से राहत तो मिली, लेकिन नुकसान कहीं अधिक रहा।

मौसम विज्ञान केंद्र, रांची के वैज्ञानिक अभिषेक आनंद के अनुसार, अगले 24 घंटों के भीतर राज्य के कई हिस्सों में फिर से तेज हवाओं के साथ बारिश और ओलावृष्टि की आशंका है। विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसमें कहीं-कहीं वज्रपात की भी चेतावनी दी गई है।