बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही बर्बरता के खिलाफ आक्रोश रैली

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बांग्लादेश अपने संविधान के अनुसार कार्य करे

बांग्लादेश में हिंदूओं की धार्मिक और शैक्षणिक संस्थानों पर सरकारी हस्तक्षेप बंद हो

झारखंड़ की राजधानी रांची में सर्व सनातन समाज के नेतृत्व में मंगलवार को बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही बर्बरता के खिलाफ आक्रोश रैली निकाली गई। इस आक्रोश रैली में चिन्मय मिशन, अखिल भारतीय संत समाज समिति,मेन रोड गुरुद्वारा , स्वेताम्बर जैन समाज ,बौद्ध समाज, आदिवासी समाज , बंगाली एसोसिएशन, जनजाति विकास परिषद, विद्यार्थी परिषद, विश्व हिंदू परिषद, एकल अभियान, वनवासी कल्याण केंद्र के कार्यकर्ताओं सहित विभिन्न सामाजिक संगठन सहित राजधानी की कई हिंदू परिवार इस रैली में शामिल हुए।

लोगों ने बांग्लादेश के अल्पसंख्यको के साथ हो रहे अत्याचार और उनके मानवाधिकार हनन के खिलाफ मोरहाबादी मैदान से फिरायालाल होते हुए राज्यपाल भवन तक आक्रोश मार्च निकाला। इस रैली में 10000 से अधिक की संख्या में हिंदू समाज अपने आक्रोश को व्यक्त करता हुआ दिखाई दिया। हर तरफ बांग्लादेश मुर्दाबाद के नारे लगते रहे, लोगों ने वहां की हिंदुओं पर अत्याचार बंद करने के लिए भी कई तरह के नारे लगाए। इस भीड़ में समाजसेवी से लेकर राजनीतिक दल के नेता सहित आम जनमानस भी स्वत उपस्थित होते चले गए और रैली बड़ी होती चली गई। आक्रोश मार्च राजभवन पहुँचकर एक सभा मे तब्दील हो गया। इस सभा का संचालन विजय कुमार ने किया।

सभा को संबोधित करते हुए समाज सेवी राकेश लाल ने कहा कि बांग्लादेश भारत का ही अंग था जिसे जिहादियों ने छीन लिया था। पाकिस्तानी सेना बांग्लादेशियों पर हमला और महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया था तब उनकी रक्षा भारत ने ही किया था। आज उसी बंग्लादेश के मुसलमानों द्वारा हिंदुओ के साथ अत्याचार किया जा रहा है। आज जिस इस्कॉन के लोगों ने उन्हें रोटी दी,बंग बंधु ने बांग्लादेश को आजादी दी उन्ही के कार्यकर्ताओं के खिलाफ अत्याचार किया जा रहा है। उन्होंने यूनुस खान का नोबेल का शांति का अवार्ड वापस लेने की बात भी कही। कहा कि यह भीड़ एक झांकी है अभी पूरी पिक्चर बाकी है। उन्होंने सर्व समाज को आह्वान करते हुए कहा कि इस अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाएं।

विश्व हिंदू परिषद के प्रान्त मंत्री मिथलेश्वर मिश्रा ने कहा कि बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार को देखकर वेदना होती है। आज भारत सहित पूरे विश्व का हिन्दू समाज आक्रोशित हैं। हिन्दू समाज बसुधैव कुटुम्बकम में विश्वास करने वाले समाज है। हम सभी अहिंसा के पुजारी हैं लेकिन जब हमे उकसाया जाता है तो हम इसका विरोध जरूर करेंगे और अपने हिन्दू भाइयों के साथ हम खड़े रहेंगे।

सामाजिक कार्यकर्ता बिनोद गाडयान ने कहा कि दुनियाभर के देशों ने बंग्लादेश में हो रहे हिंदुओ पर अत्याचार का विरोध किया है। उन्होंने पूरी दुनियां से मांग करते हुए कहा कि बांग्लादेश में हो रहे मानवाधिकार हनन के खिलाफ पूरी दुनियां आवाज उठाये।

राजेन्द्र कृष्ण ने कहा कि बांग्लादेश के अस्तित्व भारत के कारण है,लेकिन वहाँ हिंदुओ पर अत्याचार हो रहा है वह काफी चिंताजनक है। विश्व मानवाधिकार आयोग से आह्वान करते हुए कहा कि बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार को जल्द से जल्द समाप्त किया जाए।

इस्कॉन के सदस्य प्रकाश ने उपस्थित जनसमूह से हिंदुओ को जागने का आह्वान किया और बांग्लादेश में हो रहे क्रूरता के खिलाफ एकजुट होने पर बल दिया।

सामाजिक कार्यकर्ता सोमा उरांव ने कहा कि आज हम सब बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदुओं को अपना समर्थन देने के लिए एकजुट हुए हैं और मांग करते है कि जेहादियों पर कड़ी करवाई हो। आज जो स्थिति बांग्लादेश में है अगर हिन्दू समाज नहीं जागा तो झारखंड़ में भी वह स्थिति बहुत जल्द होगी। भारत को अब एक हिन्दू राष्ट्र घोषित करना होगा।

विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री याज्ञवल्कय ने कहा कि बांग्लादेश के उदय में लाखों भारतीयों ने अपनी शहादत दी थी। आज उनके साथ अत्याचार हो रहा है। आज बंग्लादेश में एक विचार पनप गया है कि जिसकी आबादी ज्यादा होगी वह कम आबादी वाले समाज के लोगों को जिंदा रहने नही देंगे। भारत एक संवेदनशील देश है, दुनिया में जहां कहीं भी लोगों के साथ अत्याचार होता है भारत अत्याचार के खिलाफ उनके साथ खड़ा होता है।

सुनीता कुमारी गुप्ता ने कहा कि बांग्लादेश में हो रही अत्याचार की जितनी निंदा की जाए कम है। बांग्लादेश के मुसलमान हिंदुओ को कम आंक रहे है जो बहुत बड़ी गलती कर रहे है।

रवि शंकर ने हिन्दू समाज को धन्यवाद दिया और कहा कि आज हिन्दू समाज एकजुट होकर बांग्लादेश के हिंदुओं के समर्थन में खड़े हुए यह काबिले तारीफ है।

सर्व सनातन समाज का प्रतिनिधिमंडल जिसमें भूतेशानन्द जी महाराज, सरदार बिक्रम सिंह,पवन लामा, बिनोद जैन ,स्वामी परिपूर्णानंद महाराज,बिनोद जालान, राकेश लाल,पवन मंत्री,शेखर चोधरी, रवि मुंडा,बिनोद गाडयान, प्रशुन रायपत, सुनीता गुप्ता, शामिल होकर राजपाल को एक ज्ञापन सौपा।

आक्रोश मार्च में मुख्य रूप से देवब्रत पाहन, अशोक श्रीवास्तव, सीपी सिंह, नवीन जायसवाल, कर्मवीर सिंह, गोपाल शर्मा, शैलेश रंजन, सुबोध सिंह गुड्डू,संजय कुमार,कैलाश केशरी,विश्व रंजन,रंगनाथ महतो, रोहित शारदा,सूरज शाहदेव,स्निग्ध रंजन,चंद्रजीत दुबे,दिलीप सोनी,शशांक राज,सुनील विजय,विशाल जी,प्रेम अग्रवाल,विवेक भषीन, सहित हज़ारों की संख्या में लोग शामिल हुए।