ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों से सीधे संवाद किए कोलकाता के छात्र

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कोलकाता: कोलकाता में आयोजित “फेस्टिवल ऑफ ऑस्ट्रेलिया” के तीसरे संस्करण में शहर के स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों को ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों से सीधे संवाद का अवसर मिला। इस खास आयोजन में छात्रों को ऑस्ट्रेलिया में उच्च शिक्षा के विविध विकल्पों की जानकारी दी गई और करियर निर्माण से जुड़ी उनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया।

कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित मास्टरक्लास सत्रों में छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे उभरते क्षेत्रों के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया में अध्ययन से जुड़ी जरूरी जानकारियाँ साझा की गईं। इन सत्रों ने छात्रों को वैश्विक दृष्टिकोण और शिक्षा के नए आयामों से अवगत कराया।

भारतीय छात्रों के लिए अवसरों का द्वार खोलना उद्देश्य

इस आयोजन का प्रमुख मकसद भारतीय विद्यार्थियों को ऑस्ट्रेलिया में उपलब्ध विश्वस्तरीय शिक्षा, रिसर्च व करियर संभावनाओं से परिचित कराना था। ऑस्ट्रेलिया यह चाहता है कि अधिक भारतीय छात्र वहाँ की शिक्षा प्रणाली का लाभ उठाएं और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनें।

कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिसमें ऑस्ट्रेलिया से आयातित कई उच्च गुणवत्ता वाले खाद्य और पेय पदार्थ प्रदर्शित किए गए। कुछ उत्पादों को बिक्री के लिए भी रखा गया था, जिनकी लोकप्रियता छात्रों और अभिभावकों के बीच देखने लायक थी।

शिक्षा के दम पर विकसित हुए उत्पाद

ऑस्ट्रेलिया के व्यापार और निवेश आयुक्त विक सिंह ने बताया कि प्रदर्शित किए गए अधिकांश उत्पादों के पीछे शोध और शिक्षा की अहम भूमिका रही है। उन्होंने बताया कि इस आयोजन में ऑस्ट्रेलिया के लगभग 20 प्रमुख संस्थानों ने भाग लिया।

गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया में 41 विश्वविद्यालय हैं, जिनमें से आठ को विश्व के शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में स्थान मिला है। यह बहु-शहरी प्रदर्शन ऑस्ट्रेलियाई शिक्षा, कृषि और खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता को भारत में प्रचारित करने का प्रयास है।

भारत में भी शुरू हो सकते हैं ऑस्ट्रेलियाई पाठ्यक्रम

विक सिंह ने यह भी जानकारी दी कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार भारत में ऑस्ट्रेलियाई कोर्स शुरू करने की योजना पर काम कर रही है। इसके तहत भारतीय छात्र देश में रहकर भी ऑस्ट्रेलिया की गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। इस दिशा में बड़े पैमाने पर निवेश किया जा रहा है।

यह आयोजन ऐसे समय में हुआ है जब भारत और ऑस्ट्रेलिया अपनी विस्तृत रणनीतिक साझेदारी के पांच साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। इससे दोनों देशों के बीच शैक्षणिक और सांस्कृतिक सहयोग को नई दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।