मध्य पूर्व में युद्ध का खतरा: ईरान और इजरायल के बीच फिर तेज़ हुआ संघर्ष

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नई दिल्ली: मध्य पूर्व एक बार फिर गंभीर संकट के दौर से गुजर रहा है। ईरान और इजरायल के बीच छिड़े संघर्ष ने रविवार को और भी उग्र रूप ले लिया। दोनों देशों के बीच लगातार तीसरे दिन मिसाइल और ड्रोन हमलों का सिलसिला जारी रहा, जिससे क्षेत्रीय अस्थिरता और गहरा गई है।

ईरान ने एक बार फिर इजरायल के प्रमुख शहरों यरुशलम और तेल अवीव को निशाना बनाते हुए कई बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। इन हमलों के बाद दोनों शहरों में सायरन बजने लगे और आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने दावा किया है कि उन्होंने इजरायल के ऊर्जा बुनियादी ढांचे और फाइटर जेट के ईंधन उत्पादन केंद्रों पर हमला किया।

जवाबी कार्रवाई में इजरायली रक्षा बल (IDF) ने ईरान के रक्षा मंत्रालय और उसके विवादास्पद SPND परमाणु कार्यक्रम से जुड़े ठिकानों पर जबरदस्त हमला बोला। साथ ही, उन स्थानों को भी निशाना बनाया गया, जहां ईरान ने अपने न्यूक्लियर आर्काइव को छिपा रखा था। इजरायली वायुसेना ने बताया कि उन्होंने ईरान द्वारा छोड़े गए 20 ड्रोन को रास्ते में ही नष्ट कर दिया।

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस घटनाक्रम पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “ईरान को इन हरकतों की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।”

इस बीच, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने बयान दिया है कि उनका देश परमाणु हथियार बनाने के पक्ष में नहीं है, लेकिन यदि कोई समझौता ईरान को परमाणु क्षमता से वंचित रखने के लिए किया जा रहा है, तो वे उसे स्वीकार नहीं करेंगे।

ईरान ने यह भी खुलासा किया है कि इजरायल के हालिया हमलों में उसके मिसाइल प्रोग्राम से जुड़े सात वरिष्ठ सैन्य अधिकारी मारे गए हैं। इसमें जनरल महमूद बाघेरी, जनरल मोहम्मद बाघर ताहरपुर, और अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल हैं।

उधर, इजरायल की एक ऑयल रिफाइनरी कंपनी ने पुष्टि की है कि हाइफा स्थित उनके औद्योगिक परिसर को गंभीर क्षति पहुंची है।

शनिवार को इजरायल ने ईरान के दक्षिणी गैस क्षेत्र ‘साउथ पार्स’ के फेज 14 पर ड्रोन से हमला किया, जिससे क्षेत्र में भीषण आग लग गई थी। वहीं रविवार रात को IDF ने तेहरान में स्थित 80 से अधिक ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिन्हें रणनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है।

इस तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए जर्मनी ने बयान जारी कर कहा है कि ईरान को किसी भी स्थिति में परमाणु हथियार हासिल करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

सोशल मीडिया पर इस संघर्ष से जुड़े कई दृश्य वायरल हो रहे हैं। बेरुत से एक वीडियो सामने आया है जिसमें एक रूफटॉप पार्टी के दौरान आसमान में उड़ती मिसाइलें साफ देखी जा सकती हैं, जो इस तनाव के गंभीर प्रभावों को दर्शाता है।

ईरान और इजरायल के बीच बढ़ता यह टकराव न सिर्फ दोनों देशों बल्कि पूरे विश्व की शांति के लिए गंभीर चुनौती बनता जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को तत्काल हस्तक्षेप कर इस संघर्ष को कूटनीतिक रास्ते से रोकने की जरूरत है।