ढाका: बांग्लादेश में आगामी आम चुनाव को लेकर अब तस्वीर साफ हो गई है। अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने शुक्रवार को घोषणा की कि देश में अगले आम चुनाव अप्रैल 2026 के पहले पखवाड़े में कराए जाएंगे। उन्होंने यह एलान ईद-उल-अजहा की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए किया। यूनुस ने कहा कि चुनाव आयोग शीघ्र ही पूरी चुनावी प्रक्रिया और कार्यक्रम की जानकारी देगा।
प्रोफेसर यूनुस ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि वर्तमान अंतरिम प्रशासन तीन मूलभूत सिद्धांतों—सुधार, न्याय और पारदर्शी चुनाव—के आधार पर कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों से व्यापक संवाद और विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया है ताकि देश में एक स्वतंत्र, निष्पक्ष और प्रतिस्पर्धी चुनाव सुनिश्चित किया जा सके।
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार इस बात के लिए कटिबद्ध है कि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और विश्वसनीय हो। इससे पहले बार-बार चुनाव में धांधली कर एक राजनीतिक दल ने शासन को तानाशाही रूप दे दिया था, जिसे जनता ने अंततः नकार दिया।”
अवामी लीग सरकार के पतन के बाद पहला बड़ा राजनीतिक कदम
यह एलान ऐसे समय में आया है जब अगस्त 2024 में शेख हसीना की अगुवाई वाली अवामी लीग सरकार के पतन के बाद देश की राजनीतिक दिशा को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। बीते महीनों में यूनुस कई बार संकेत दे चुके थे कि चुनाव दिसंबर 2025 से जून 2026 के बीच कराए जा सकते हैं। अब अप्रैल 2026 की समयसीमा तय होने से चुनावी प्रक्रिया को लेकर स्थिति स्पष्ट हो गई है।
विपक्ष की अलग-अलग मांगें
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और उससे जुड़ी विचारधारा वाले कई दल चाहते हैं कि चुनाव इसी साल दिसंबर तक संपन्न हों। वहीं, जुलाई 2024 में विद्रोहियों द्वारा बनाई गई नई पार्टी नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) का मत है कि पहले सुधारों को पूरा किया जाए, उसके बाद ही चुनाव कराए जाएं।
इसी तरह जमात-ए-इस्लामी ने भी शुरू में एनसीपी जैसी राय जताई थी। हाल ही में पार्टी नेताओं ने कहा है कि चुनाव फरवरी से अप्रैल 2026 के बीच हो सकते हैं। वहीं सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान ने भी बीते 21 मई को बयान दिया था कि आम चुनाव दिसंबर 2025 तक कराए जाने चाहिए।
अब देखना होगा कि चुनाव आयोग इस दिशा में कब विस्तृत कार्यक्रम घोषित करता है और देश की राजनीतिक पार्टियां इसे किस तरह लेती हैं।