शुभ मुहूर्त में खोले गए केदारनाथ धाम के कपाट, हेलीकॉप्टर से हुई पुष्पवर्षा

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उत्तराखंड स्थित विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल केदारनाथ धाम के कपाट शुक्रवार सुबह विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इस शुभ अवसर पर पूरे वातावरण में भक्तिभाव और उत्साह की लहर दौड़ गई।

प्रातः 7 बजे जैसे ही मंदिर के कपाट खोले गए, आसमान से हेलीकॉप्टर के माध्यम से श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा की गई। आर्मी बैंड की मधुर धुनों के साथ पूरी केदारघाटी “बोल बम” और “जय बाबा केदार” के जयकारों से गूंज उठी। अब अगले छह महीनों तक श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर सकेंगे।

इस पुण्य अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग, मुख्य पुजारी वागेश लिंग, बीकेटीसी के पदाधिकारी, तीर्थ पुरोहित तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। सभी ने मिलकर बाबा केदार के दर्शन किए और देश-विश्व के कल्याण की कामना की।

इससे पहले, अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर यमुनोत्री धाम के कपाट भी वैदिक मंत्रोच्चार के साथ खोले गए थे। बुधवार को 11 बजकर 55 मिनट पर यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी।

अब तक यमुनोत्री, गंगोत्री, और केदारनाथ धाम के कपाट खुल चुके हैं, जबकि 4 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे, जिससे चारधाम यात्रा पूर्ण रूप से आरंभ हो जाएगी।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चारधाम यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री से करने पर यात्रा निर्विघ्न और मंगलमय होती है। यमुनोत्री, यमुना नदी का उद्गम स्थल है। मान्यता है कि यमुना जी, यमराज की बहन हैं और उन्होंने वरदान प्राप्त किया है कि उनके जल में स्नान करने से भक्तों को मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है। यही कारण है कि चारधाम यात्रा का आरंभ यमुनोत्री से किया जाता है।

हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी लाखों श्रद्धालुओं के चारधाम यात्रा पर पहुंचने की संभावना है। केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवाएं 2 मई से शुरू हो चुकी हैं, जिससे यात्रा और भी सुविधाजनक हो गई है।