गवर्नर बोस का मुर्शिदाबाद दौरा: ममता बनर्जी से टकराव, हालात की रिपोर्ट केंद्र को भेजेंगे

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बंगाल के राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच मुर्शिदाबाद के हिंसाग्रस्त क्षेत्रों के दौरे को लेकर तीखी टकराव की स्थिति बन गई है। राज्यपाल बोस ने साफ कहा है कि वह शुक्रवार को दंगा प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे और वहां के हालात का जायजा लेकर पीड़ितों से मुलाकात करेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह केंद्र सरकार को स्थिति पर आधारित रिपोर्ट सौंपेंगे।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल से अनुरोध किया था कि फिलहाल दौरा टाल दें, लेकिन राज्यपाल ने इस अपील को ठुकरा दिया। उन्होंने राजभवन में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्हें खुद जमीनी हकीकत जाननी है।

वक्फ कानून विरोध के बाद फैली हिंसा

गत सप्ताह वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान मुर्शिदाबाद में हिंसा भड़क गई थी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। हालात को काबू में लाने के लिए केंद्र ने अर्धसैनिक बलों और पुलिस की भारी तैनाती की है।

राजभवन में पीड़ितों से मुलाकात

गुरुवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार बेघर हुए लोगों के साथ राजभवन पहुंचे और राज्यपाल से मुलाकात की। इस दौरान राज्यपाल ने पीड़ितों की समस्याएं सुनीं और आश्वासन दिया कि उनकी बातें केंद्र तक पहुंचाई जाएंगी।

ममता का केंद्र पर हमला

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) के अधिकार क्षेत्र में बढ़ोतरी को लेकर केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि BSF का दायरा 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर कर देना राज्य के अधिकारों में हस्तक्षेप है। ममता ने आरोप लगाया कि गृह मंत्रालय सीमा पार से राज्य में घुसपैठ की जानकारी साझा नहीं कर रहा, जिससे राज्य सरकार को संकट से जूझना पड़ता है।

मिथुन और दिलीप घोष के बयान से गरमाई सियासत

वहीं, भाजपा नेता और अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि वह बंगाली हिंदुओं के लिए खतरा बन गई हैं और राज्य में सांप्रदायिक तनाव फैला रही हैं। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ने तो हिंदुओं से आत्मरक्षा के लिए हथियार रखने की अपील कर डाली, जिस पर तृणमूल कांग्रेस ने तीखा विरोध जताया। पार्टी विधायक हुमायूं कबीर ने इसे सांप्रदायिक आग भड़काने वाला बयान बताया।