रांची, 6 सितंबर 2025: झारखंड हाईकोर्ट ने रांची सदर अस्पताल में अव्यवस्थित पार्किंग व्यवस्था पर सख्त रुख अपनाते हुए तत्काल सुधार के निर्देश दिए हैं। चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका (पीआईएल) की सुनवाई के दौरान यह आदेश जारी किया। यह याचिका एक गर्भवती महिला को ला रही एंबुलेंस के अस्पताल के मुख्य द्वार पर ट्रैफिक जाम में फंसने की घटना पर स्वत: संज्ञान लेने के बाद दर्ज की गई थी।
कोर्ट ने ट्रैफिक एसपी को अस्पताल के मुख्य द्वार पर पर्याप्त पुलिसकर्मी तैनात करने का निर्देश दिया ताकि ऑटो रिक्शा और अन्य वाहनों की अवैध पार्किंग से प्रवेश अवरुद्ध न हो। साथ ही, सिविल सर्जन को अस्पताल परिसर में व्यवस्थित पार्किंग सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आदेश दिया गया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि भविष्य में एंबुलेंस के फंसने की स्थिति में ट्रैफिक एसपी और सिविल सर्जन व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे।
सदर अस्पताल में लंबे समय से पार्किंग की अव्यवस्था मरीजों और उनके परिजनों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। ठेकेदारों द्वारा मनमानी वसूली, बाहरी वाहनों का जमावड़ा, और एंबुलेंस के लिए जगह की कमी जैसी समस्याएं आम हैं। इसके अलावा, पार्किंग शुल्क को लेकर मारपीट और वाहन चोरी की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं।
हाईकोर्ट ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कोर्ट ने अधिकारियों को व्यवस्था में सुधार के लिए त्वरित कार्रवाई करने और अगली सुनवाई में प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। इस फैसले से मरीजों को राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।