रांची, 29 अगस्त 2025: झारखंड सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण, खेल, युवा मामले, शहरी विकास और पर्यटन मंत्री हाफीजुल हसन की अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भेजा गया है। गुरुवार, 28 अगस्त को रांची के पारस अस्पताल में भर्ती होने के बाद उनकी स्थिति स्थिर होने पर शुक्रवार को एयर एंबुलेंस से गुरुग्राम ले जाया गया।
मिली जानकारी के अनुसार, हसन को सांस लेने में तकलीफ, फेफड़ों में संक्रमण, सीने में दर्द और निम्न रक्तचाप की शिकायत थी। यह समस्या जुलाई 2025 में हुई उनकी हार्ट सर्जरी के बाद बेड रेस्ट के दौरान उभरी। रांची के पारस अस्पताल में प्रारंभिक उपचार के बाद विशेषज्ञों ने उन्हें मेदांता अस्पताल ट्रांसफर करने का निर्णय लिया। उनकी स्थिति पर नजर रखने के लिए 24 घंटे ऑब्जर्वेशन की सलाह दी गई है। फिलहाल डॉक्टरों ने बताया कि खतरा टल चुका है, और उनका इलाज मेदांता में विशेषज्ञों की देखरेख में चल रहा है। उनके बेटे, भाई और निजी सचिव भी उनके साथ गुरुग्राम गए हैं।
इस घटना के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मंत्री इरफान अंसारी, शिल्पी नेहा तिर्की सहित कई नेता पारस अस्पताल पहुंचे और हसन के स्वास्थ्य की जानकारी ली। यह घटना झारखंड विधानसभा सत्र के अंतिम दिन हुई, जिससे राजनीतिक गलियारों में चिंता का माहौल है।
हाफीजुल हसन झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के वरिष्ठ नेता और मधुपुर से विधायक हैं। वे पूर्व मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के बेटे हैं और 2021 में उपचुनाव जीतकर विधायक बने। हसन तीन बार मंत्री रह चुके हैं और वर्तमान में कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
राज्य सरकार और उनके समर्थकों ने उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। स्वास्थ्य अपडेट्स के लिए आधिकारिक बयान का इंतजार किया जा रहा है।