झारखंड: स्कूलों में पढ़ाई जाएगी दिशोम गुरु शिबू सोरेन की जीवनी

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रांची, 21 अगस्त 2025: झारखंड सरकार ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन की जीवनी को कक्षा 1 से 12 तक के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इस प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के लिए योजना तैयार की है। सचिव उमाशंकर सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में पाठ्य सामग्री की रूपरेखा तय की गई। 31 अगस्त 2025 तक ड्राफ्ट तैयार होगा, और अगले शैक्षणिक सत्र से सरकारी स्कूलों में नई किताबों में शिबू सोरेन के जीवन, संघर्ष और योगदान पर अध्याय शामिल होंगे।

कक्षा 1 और 2 में चित्रकथाओं के जरिए उनके प्रारंभिक जीवन और संकल्प की कहानियां पढ़ाई जाएंगी। कक्षा 4 में पर्यावरण संरक्षण के लिए उनके प्रयासों को कविता और कहानियों के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा। कक्षा 6 में सामाजिक विज्ञान के तहत नशा विरोधी अभियान और स्थानीय स्वशासन पर जोर होगा। कक्षा 11 में हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में उनके 19 सूत्री कार्यक्रम को शामिल किया जाएगा, जो समाज सुधार और आदिवासी उत्थान के प्रति उनके दृष्टिकोण को दर्शाएगा। कक्षा 6 से 12 तक झारखंड आंदोलन, आदिवासी अस्मिता और सामाजिक-राजनीतिक संघर्ष पर विस्तृत पाठ होंगे।

इस पहल का उद्देश्य नई पीढ़ी को झारखंड आंदोलन के नायक शिबू सोरेन के योगदानों से परिचित कराना है। इससे छात्रों में सामाजिक जागरूकता और राज्य के इतिहास के प्रति गर्व की भावना बढ़ेगी। यह पाठ्यक्रम 2026 से लागू होगा।