झारखंड में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम, भक्तिमय माहौल में उत्सव

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रांची, 16 अगस्त 2025: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व पूरे झारखंड में श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। भगवान श्रीकृष्ण के 5252वें जन्मोत्सव के अवसर पर राज्य के विभिन्न हिस्सों में मंदिरों और घरों में विशेष पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग के शुभ संयोग ने पर्व की रौनक को और बढ़ा दिया है।

रांची में भव्य आयोजन

राजधानी रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर श्री कृष्ण जन्मोत्सव समिति द्वारा दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। 16 और 17 अगस्त को आयोजित इस उत्सव में बाल गोपाल झांकी प्रतियोगिता, राधा-कृष्ण नृत्य नाटिका, और भजन संध्या ने भक्तों का मन मोह लिया। 17 अगस्त को होने वाली दही-हांडी प्रतियोगिता का विशेष आकर्षण है, जिसमें युवा उत्साहपूर्वक भाग लेंगे। रांची के मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है, जहां रात 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव विशेष आरती के साथ मनाया जाएगा।

कोडरमा में शोभायात्रा और महाआरती

कोडरमा के झुमरी चाराडीह में तालाब के बीच बने राधा-कृष्ण मंदिर में जन्माष्टमी का उत्सव अनूठे अंदाज में मनाया जा रहा है। शोभायात्रा, महाआरती, और भजन संध्या के साथ भक्त भगवान की भक्ति में लीन हैं। मटकी फोड़ प्रतियोगिता ने बच्चों और युवाओं में खासा उत्साह भरा है। स्थानीय निवासियों ने मंदिर को फूलों और रोशनी से सजाया है, जिससे माहौल और भी भक्तिमय हो गया है।

भक्तों में उत्साह, व्रत और पूजा का दौर  

राज्यभर में भक्त निर्जला, फलाहार, या आंशिक व्रत रखकर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा कर रहे हैं। मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की कतारें लगी हैं, और रात में भगवान के जन्म के समय विशेष अभिषेक और आरती का आयोजन होगा। कई स्थानों पर रासलीला और नाट्य मंचन भी हो रहे हैं, जो भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और लीलाओं से जोड़ रहे हैं।

जन्माष्टमी का यह पर्व झारखंड में एकता, भक्ति और उत्साह का प्रतीक बना हुआ है। भक्तों का कहना है कि यह अवसर न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को भी मजबूत करता है।