एनसीईआरटी मॉड्यूल: भारत विभाजन के लिए जिन्ना, कांग्रेस, माउंटबेटन जिम्मेदार, विवाद भड़का

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नई दिल्ली, 16 अगस्त 2025: एनसीईआरटी ने ‘विभाजन की भयावहता स्मरण दिवस’ के लिए नया मॉड्यूल जारी किया, जिसमें भारत के विभाजन के लिए मोहम्मद अली जिन्ना, कांग्रेस और लॉर्ड माउंटबेटन को जिम्मेदार ठहराया गया है। इसने तीखा राजनीतिक विवाद छेड़ दिया है। मॉड्यूल के मुताबिक, जिन्ना ने विभाजन की मांग की, कांग्रेस ने इसे स्वीकार किया और माउंटबेटन ने इसे लागू किया। यह दावा करता है कि विभाजन अपरिहार्य नहीं था, बल्कि गलत विचारों और परिस्थितियों का नतीजा था।

मॉड्यूल में कांग्रेस नेतृत्व, खासकर नेहरू और पटेल, पर जिन्ना की मंशा को कम आंकने और विभाजन के भयावह परिणामों को न समझने का आरोप है। माउंटबेटन पर सत्ता हस्तांतरण को जून 1948 से अगस्त 1947 तक जल्दबाजी में लाने की “लापरवाही” का दोष है, जिससे सीमा निर्धारण में अव्यवस्था हुई।

विभाजन को “विश्व इतिहास की बेजोड़ त्रासदी” बताते हुए मॉड्यूल में 1.5 करोड़ विस्थापित लोगों, हत्याओं, यौन हिंसा और शरणार्थी ट्रेनों में लाशों का जिक्र है। 1946 के नोआखाली-कलकत्ता दंगे और 1947 का रावलपिंडी नरसंहार भी शामिल हैं। यह कश्मीर विवाद, सांप्रदायिकता और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को विभाजन का दीर्घकालिक प्रभाव बताता है।

कक्षा 6-8 और 9-12 के लिए तैयार यह मॉड्यूल पाठ्यपुस्तक का हिस्सा नहीं, बल्कि पूरक सामग्री है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इसे “असत्य” बताकर जलाने की मांग की, दावा किया कि विभाजन हिंदू महासभा-मुस्लिम लीग गठजोड़ का परिणाम था। मॉड्यूल ने इतिहास की व्याख्या पर नई बहस छेड़ दी है।