भारत छोड़ो आंदोलन ने स्वतंत्रता संग्राम को दी नई ऊर्जा: केशव महतो कमलेश

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रांची, 9 अगस्त 2025: 1942 के ऐतिहासिक भारत छोड़ो आंदोलन की स्मृति में आयोजित एक समारोह में सामाजिक कार्यकर्ता केशव महतो कमलेश ने कहा कि अगस्त क्रांति ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम को नई गति और दिशा प्रदान की। रांची में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “यह आंदोलन स्वतंत्रता की लड़ाई में मील का पत्थर साबित हुआ। महात्मा गांधी के नेतृत्व में शुरू हुए इस आंदोलन ने न केवल ब्रिटिश शासन के खिलाफ जनता को एकजुट किया, बल्कि आदिवासी और अन्य समुदायों को भी आजादी की जंग में सक्रिय रूप से जोड़ा।”

कमलेश ने इस बात पर जोर दिया कि “करो या मरो” का नारा देश के कोने-कोने में गूंजा और इसने स्वतंत्रता के लिए जनता के संकल्प को और मजबूत किया। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज ने इस आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे उनकी सामाजिक और राजनीतिक चेतना में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। यह आंदोलन केवल राजनैतिक स्वतंत्रता की मांग तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसने सामाजिक एकजुटता को भी बढ़ावा दिया, जिसका असर आज भी समाज में दिखाई देता है।

इस अवसर पर स्थानीय नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और युवाओं ने स्वतंत्रता सेनानियों को नमन किया और उनके बलिदान को याद किया। कमलेश ने युवा पीढ़ी से आह्वान किया कि वे इस आंदोलन की भावना को आत्मसात कर देश की प्रगति और सामाजिक सद्भाव के लिए योगदान दें।