रामगढ़ : राधा गोविंद विश्वविद्यालय के आंतरिक शिकायत समिति (Internal Complaint Committee) द्वारा कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम (POSH – Prevention of Sexual Harassment at Workplace) विषय पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम, संवेदनशीलता और जागरूकता को बढ़ावा देना था।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बी. एन. साह ने कहा, “यौन उत्पीड़न न केवल किसी व्यक्ति की गरिमा को ठेस पहुंचाता है, बल्कि संस्था के समग्र कार्य परिवेश को भी प्रभावित करता है। इस तरह की कार्यशालाएं एक सुरक्षित एवं सम्मानजनक वातावरण निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण पहल हैं।”
संस्था की सचिव प्रियंका कुमारी ने कहा, “विश्वविद्यालय केवल शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि एक ऐसा स्थान भी है जहाँ हर छात्र और कर्मचारी को सुरक्षित, सम्मानजनक और समान अवसर उपलब्ध होना चाहिए।”
कार्यक्रम की अध्यक्षता आंतरिक शिकायत समिति की समन्वयक डॉ. पूनम ने की। उन्होंने POSH अधिनियम के कानूनी प्रावधानों, शिकायत प्रक्रिया और समिति की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रत्येक छात्रा, कर्मचारी और सदस्य को अपने अधिकारों और संरक्षण के उपायों की जानकारी होनी चाहिए।
विधिक विशेषज्ञ महेंद्र मंडल ने POSH कानून की तकनीकी व्याख्या प्रस्तुत की, वहीं मनोविज्ञान विशेषज्ञ डॉ. भारती ने यौन उत्पीड़न के मानसिक प्रभावों और मनोसामाजिक सहयोग की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
विशेष वक्ता डॉ. वी. के. पांडे ने कहा, “POSH अधिनियम केवल महिलाओं तक सीमित नहीं है, यह प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा और सुरक्षा से जुड़ा कानून है।”
कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक डॉ. ममता ने प्रभावशाली और गरिमापूर्ण ढंग से किया।
इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. (डॉ.) निर्मल कुमार मंडल, परीक्षा नियंत्रक प्रो. (डॉ.) अशोक कुमार, प्रबंध समिति सदस्य अजय कुमार, विभिन्न विभागों के शिक्षकगण और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।