रांची, 17 जुलाई 2025: झारखंड की जोहार योजना को विश्व बैंक ने ग्रामीण विकास और महिला सशक्तीकरण के लिए प्रशंसा दी है। इस पहल ने राज्य के 17 जिलों में लाखों ग्रामीण परिवारों की आजीविका को नई दिशा दी है, खासकर उन महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाया है जो बंधुआ मजदूरी से मुक्त हुईं या सामाजिक रूप से वंचित थीं।
2015 में विश्व बैंक के सहयोग से शुरू हुई इस योजना ने स्वयं सहायता समूहों और क्लस्टर आधारित ढांचे के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त किया है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, कांके की महिलाओं ने इस योजना के तहत 170 करोड़ रुपये का व्यवसाय किया, जबकि महिला Farmer Producer Organizations (FPOs) ने 21 मिलियन रुपये का कारोबार हासिल किया।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस उपलब्धि पर गर्व जताते हुए कहा, “जोहार योजना ने झारखंड के ग्रामीण समुदायों को नई ताकत दी है। हम अपने लोगों के साथ हर कदम पर हैं।” उन्होंने विश्व बैंक के समर्थन और योजना से जुड़े सभी हितधारकों के प्रयासों की सराहना की।
विश्व बैंक ने जोहार के मॉडल को ग्रामीण समावेशन और सतत विकास के लिए एक आदर्श उदाहरण बताया है। यह योजना कृषि, पशुपालन और अन्य ग्रामीण उद्यमों को बढ़ावा देकर झारखंड के ग्रामीण परिदृश्य को बदल रही है।
यह उपलब्धि न केवल झारखंड के ग्रामीण समुदायों में आत्मविश्वास जगाती है, बल्कि विश्व बैंक और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों की सफलता को भी उजागर करती है।