पूर्णिया नरसंहार: हेमंत सोरेन ने जताई चिंता, बिहार सरकार से दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग

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पूर्णिया, बिहार: बिहार के पूर्णिया जिले में हुए एक दिल दहलाने वाले नरसंहार, जिसमें एक ही परिवार के पांच लोगों को अंधविश्वास के चलते जिंदा जला दिया गया, ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस जघन्य घटना पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गहरी चिंता व्यक्त की है और बिहार सरकार से दोषियों के खिलाफ त्वरित और कठोर कार्रवाई की मांग की है।

सोरेन ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील करते हुए कहा, “बिहार में आदिवासियों और दलितों पर बढ़ते अत्याचार अत्यंत चिंता का विषय हैं। मैं श्री नीतीश कुमार जी से आग्रह करता हूँ कि इस अमानवीय कृत्य के दोषियों को शीघ्र पकड़कर कड़ी से कड़ी सजा दिलाने हेतु उचित कदम उठाएँ।”

घटना के संबंध में जानकारी के अनुसार, पूर्णिया के एक गाँव में भीड़ ने अंधविश्वास के चलते एक आदिवासी परिवार पर हमला किया, जिसमें पांच लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई। स्थानीय पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है और एक ट्रैक्टर को जब्त किया है। डीआईजी पूर्णिया ने कहा, “कोई भी दोषी बचने नहीं पाएगा।”

इस घटना ने बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े किए हैं। सोशल मीडिया पर भी इस मामले ने तूल पकड़ा है, जहाँ लोग इसे “महाजंगल राज” और अंधविश्वास का परिणाम बता रहे हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के विधायक इरफान अंसारी ने भी बिहार सरकार को पत्र लिखकर इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है।

बिहार पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन इस तरह की घटनाएँ पहले भी सेनारी नरसंहार (1999) जैसे मामलों में देखी गई हैं, जहाँ साक्ष्यों के अभाव में दोषियों को बरी कर दिया गया था। इस घटना ने न केवल सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित किया है, बल्कि बिहार और झारखंड के बीच सियासी तनाव को भी बढ़ाया है, खासकर जब JMM बिहार में अपनी राजनीतिक उपस्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही है।