ऑपरेशन सिंधु के तहत 3180 भारतीयों की सुरक्षित घर वापसी, ईरान-इज़राइल युद्ध पर संकट बरकरार

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मध्य-पूर्व में युद्ध की आहट अब भी कायम है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भले ही ईरान और इज़राइल के बीच युद्धविराम की घोषणा की हो, लेकिन ईरान ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। तेहरान का कहना है कि इस संघर्ष की शुरुआत उनकी ओर से नहीं हुई, बल्कि इज़राइल ने हमला किया था, ऐसे में वह बिना ठोस समझौते के किसी भी युद्ध विराम को नहीं मानता।

12 दिन से जारी है टकराव

13 जून की सुबह इज़राइल द्वारा ईरान पर सैन्य कार्रवाई के साथ यह संघर्ष शुरू हुआ था। इसके बाद ईरान ने भी जवाबी हमला किया, और दोनों देशों के बीच बदले की कार्रवाई तेज होती गई। 12 दिनों की इस जंग में ईरान में 950 से अधिक नागरिकों की मौत हो चुकी है, वहीं इज़राइल में अब तक 24 लोगों की जान गई है।

इज़राइली हमलों में ईरान के कई सैन्य और परमाणु प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचा है। वहीं शनिवार को अमेरिका ने भी हस्तक्षेप करते हुए ईरान पर हवाई हमले किए और उसकी परमाणु साइटों को निशाना बनाया। जवाब में ईरान ने दोहा स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर मिसाइलें दागीं, हालांकि इससे अमेरिकी पक्ष को कोई विशेष क्षति नहीं हुई।

सीजफायर की कोशिशें और असफलता

मंगलवार तड़के राष्ट्रपति ट्रंप ने एकतरफा युद्धविराम की घोषणा करते हुए कहा कि यह संघर्ष अगर और आगे बढ़ा तो पूरा पश्चिम एशिया तबाही की कगार पर पहुंच सकता है। हालांकि इस पहल को ईरान ने खारिज कर दिया और कहा कि जब तक इज़राइल आक्रमण बंद नहीं करता, युद्ध नहीं रुकेगा।

ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने स्पष्ट किया कि उनका देश संघर्ष नहीं चाहता, लेकिन यदि इज़राइल अपनी आक्रामक कार्रवाई मंगलवार सुबह 4 बजे से पहले नहीं रोकता, तो ईरान जवाब देना जारी रखेगा।

ऑपरेशन सिंधु: भारतीयों की वतन वापसी

इस बीच भारत सरकार ने युद्धग्रस्त क्षेत्रों में फंसे अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए ‘ऑपरेशन सिंधु’ चलाया। इस अभियान के तहत अब तक कुल 3180 भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश वापस लाया जा चुका है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, बचाव अभियान अभी भी जारी है और संकटपूर्ण हालात में फंसे सभी भारतीयों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

स्थिति पर नजर बनाए हुए है भारत, और विदेश मंत्रालय लगातार क्षेत्रीय घटनाक्रम पर निगरानी रख रहा है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी कहा है कि आवश्यकता पड़ने पर ऑपरेशन सिंधु को और विस्तार दिया जाएगा।