चुनाव आयोग पर राहुल गांधी का तीखा वार – “जिनसे जवाब चाहिए, वही साक्ष्य मिटा रहे हैं”

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नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने आयोग पर साक्ष्य नष्ट करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब जवाबदेही तय होनी चाहिए, तभी साक्ष्य मिटाए जा रहे हैं।

विवाद की जड़ में चुनाव आयोग का वह हालिया निर्देश है, जिसमें अधिकारियों से कहा गया है कि चुनाव संपन्न होने के 45 दिनों के भीतर सीसीटीवी, वेबकास्टिंग और वीडियो रिकॉर्डिंग को हटा दिया जाए।

राहुल गांधी ने इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, “वोटर लिस्ट मशीन रीडेबल फॉर्मेट में नहीं देंगे, सीसीटीवी फुटेज कानून बदलकर छिपा दी गई, और अब फोटो-वीडियो 1 साल नहीं, सिर्फ 45 दिनों में मिटा देंगे।”

उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अनियमितताओं का हवाला देते हुए कहा, “जिनसे जवाब चाहिए था, वही सबूत मिटा रहे हैं। यह साफ संकेत है कि मैच फिक्स किया गया है – और फिक्स किया हुआ चुनाव लोकतंत्र के लिए ज़हर है।”

राहुल गांधी लगातार यह मांग कर रहे हैं कि चुनाव आयोग मतदाता सूची, मतदान से जुड़े आंकड़े और रिकॉर्डिंग उपलब्ध कराए, ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके। आयोग का कहना है कि राहुल गांधी ने अब तक इस मुद्दे पर कोई औपचारिक शिकायत नहीं की है।

वहीं, आयोग की दलील है कि डिजिटल रिकॉर्ड लंबे समय तक रखने से उसके दुरुपयोग की आशंका बनी रहती है और इससे भ्रामक नैरेटिव गढ़े जा सकते हैं।

इस ताजा विवाद से चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता पर एक बार फिर राष्ट्रीय बहस शुरू हो गई है।