रांची। झारखंड की राजधानी में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रदेश कार्यालय में चुनाव प्रक्रिया के दौरान जबरदस्त हंगामा हो गया। स्क्रूटनी के दौरान कई प्रत्याशियों के नामांकन रद्द किए जाने के बाद नाराज समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। स्थिति को देखते हुए जगन्नाथपुर थाना पुलिस को मौके पर बुलाया गया, जिसके बाद थाना प्रभारी दिग्विजय सिंह ने पहुंचकर हालात को काबू में लिया।
नामांकन खारिज होते ही फूटा गुस्सा, समर्थकों ने जताया विरोध
चुनाव प्रक्रिया की जांच के दौरान कुछ उम्मीदवारों के नामांकन में त्रुटियां मिलने पर उन्हें निरस्त कर दिया गया। इस फैसले से असहमति जताते हुए प्रत्याशियों के प्रस्तावकों और समर्थकों ने प्रदेश कार्यालय में विरोध जताना शुरू कर दिया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सभी को कार्यालय परिसर से बाहर किया और स्थिति सामान्य की।
संजय सिंह यादव निर्विरोध प्रदेश अध्यक्ष बनने की ओर
चुनाव अधिकारी के अनुसार, नामांकन की जांच प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। त्रुटियों के चलते बाकी सभी नामांकन रद्द कर दिए गए हैं। केवल पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह यादव का नामांकन वैध पाया गया है, ऐसे में उनके निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाने की संभावना है।
अभय सिंह और सदाकत अंसारी के समर्थकों में रोष
नामांकन रद्द किए गए नेताओं में अभय सिंह और सदाकत अंसारी प्रमुख हैं। उनके समर्थकों ने इसे साजिश बताते हुए नाराजगी जाहिर की। कार्यकर्ताओं का कहना है कि पार्टी के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि पुलिस को कार्यालय बुलाया गया और नेताओं को डराने-धमकाने की कोशिश की गई।
निर्वाचन पदाधिकारी पर पक्षपात और भ्रष्टाचार के आरोप
राजद के राष्ट्रीय महासचिव अभय सिंह ने चुनाव पदाधिकारी गिरधारी गोप पर पक्षपात और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पदाधिकारी ने पैसे लेकर उनके नामांकन को खारिज कराया है। उन्होंने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
राजद कार्यालय में हुई इस घटना से पार्टी की आंतरिक राजनीति खुलकर सामने आ गई है। जहां एक ओर निर्विरोध चुनाव की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर असंतुष्ट गुटों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है। अब देखना होगा कि पार्टी नेतृत्व इस विवाद को कैसे सुलझाता है।