केदारनाथ में हेलीकॉप्टर हादसे के बाद बड़ा प्रशासनिक कदम: पायलटों के लाइसेंस निलंबित, कमांड रूम की स्थापना के आदेश

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नई दिल्ली: उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में रविवार की सुबह एक दुखद हेलीकॉप्टर दुर्घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। आर्यन एविएशन का बेल 407 हेलीकॉप्टर (रजिस्ट्रेशन: VT-BKA), जो गुप्तकाशी से केदारनाथ की ओर जा रहा था, गौरीकुंड के पास क्रैश हो गया। हेलीकॉप्टर में कुल सात लोग सवार थे, जिनमें पांच यात्री, एक बच्चा और एक पायलट शामिल थे।

प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, हेलीकॉप्टर ने सुबह 5:10 बजे उड़ान भरी और 5:18 बजे केदारनाथ पहुंचा। वहां से वापसी की उड़ान 5:19 बजे शुरू हुई, लेकिन 5:30 से 5:45 के बीच खराब मौसम की वजह से दुर्घटना घटित हो गई। विशेषज्ञों का मानना है कि घने बादलों और प्रतिकूल मौसम में उड़ान भरना इस हादसे की मुख्य वजह हो सकती है, हालांकि सटीक कारणों का पता चलना अभी बाकी है और इसके लिए विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) द्वारा विस्तृत जांच की जा रही है।

घटना की सूचना मिलते ही राहत एवं बचाव दल मौके पर पहुंच गए। पहाड़ी क्षेत्र और मौसम की खराबी के चलते रेस्क्यू कार्यों में कई अड़चनें सामने आईं, लेकिन सभी एजेंसियां मिलकर कार्य कर रही हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय आपात बैठक बुलाई, जिसमें नागरिक उड्डयन मंत्रालय, DGCA और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में हादसे से जुड़े कई अहम फैसले लिए गए:

• आर्यन एविएशन की चारधाम यात्रा के तहत सभी उड़ानों पर तत्काल रोक लगा दी गई है।

• ट्रांसभारत एविएशन के दो हेलीकॉप्टर पायलटों के लाइसेंस को छह महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया है, क्योंकि उन्होंने भी खराब मौसम में उड़ान भरी थी।

• 15 और 16 जून को केदारनाथ क्षेत्र में सभी हेलीकॉप्टर सेवाएं अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई हैं।

• यूसीएडीए (उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण) को कमांड और कंट्रोल रूम स्थापित करने का निर्देश दिया गया है, जो हेलीकॉप्टर संचालन की रीयल-टाइम निगरानी करेगा।

• सभी ऑपरेटरों के साथ बैठक कर उड़ान सुरक्षा मानकों की दोबारा समीक्षा की जाएगी।

• DGCA के विशेष अधिकारियों को केदारनाथ घाटी में तैनात किया जाएगा, जो नियमित उड़ानों की सुरक्षा की निगरानी करेंगे।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने दोहराया कि हवाई सुरक्षा में कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी और किसी भी तरह की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सभी ऑपरेटरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे मौसम की स्थिति और सुरक्षा दिशानिर्देशों का पूरी तरह से पालन करें।

यह कदम भविष्य में इस प्रकार की दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने की दिशा में एक सख्त चेतावनी और सुधारात्मक प्रयास माना जा रहा है।