नई दिल्ली: संसद का मानसून सत्र आगामी 21 जुलाई से शुरू होकर 12 अगस्त तक चलेगा। इसकी जानकारी केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को दी। उन्होंने बताया कि इस सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी, जिनमें ‘ऑपरेशन सिंदूर’ प्रमुख रूप से शामिल है।
तीन महीने से अधिक के अंतराल के बाद संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही सुबह 11 बजे से शुरू होगी। इससे पूर्व बजट सत्र 31 जनवरी से 4 अप्रैल तक चला था, जिसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था।
रिजिजू ने कहा कि केंद्र सरकार प्रत्येक सत्र को गंभीरता से लेती है और वह सभी जरूरी विषयों पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने विपक्ष से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि सरकार सभी दलों के साथ मिलकर काम करना चाहती है। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि संसद के नियमों के तहत हर प्रासंगिक विषय को सत्र में शामिल किया जाएगा।
ज्ञात हो कि विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन ने हाल ही में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी। हालांकि अब सरकार ने इस पर मानसून सत्र के दौरान ही चर्चा कराने की सहमति दी है।
गठबंधन नेता दीपेंद्र हुड्डा ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर, भारतीय सैनिकों की वीरता और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों को लेकर संसद में व्यापक चर्चा आवश्यक है ताकि जनता और संसद दोनों को पूरी जानकारी मिल सके।
सूत्रों के अनुसार, इस सत्र में पाकिस्तान से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की संभावना है। विपक्ष सरकार से ऑपरेशन सिंदूर के विभिन्न पहलुओं को लेकर जवाब मांग सकता है। कुल 23 दिनों तक चलने वाले इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयकों को भी पेश किया जाएगा और राष्ट्रीय सुरक्षा, अर्थव्यवस्था तथा विदेश नीति से जुड़े विषयों पर भी बहस की जाएगी।
इसके साथ ही, जस्टिस वर्मा के विरुद्ध महाभियोग प्रक्रिया को भी मानसून सत्र में अंतिम रूप दिया जाएगा। संभावना है कि यह प्रस्ताव सत्र के पहले सप्ताह में ही सदन में लाया जाएगा। विपक्ष ने जस्टिस यादव के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं, जिस पर सरकार ने जवाब देते हुए कहा है कि यह मामला राज्यसभा के सभापति के पास लंबित है और वही अंतिम निर्णय लेंगे।