नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान और चुनावी भाषणों को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जब देश की सुरक्षा से जुड़ा कोई गंभीर विषय सामने हो, तब राजनीतिक बयानबाज़ी से बचना चाहिए और सभी नेताओं को संयम बरतना चाहिए।
खरगे ने रविवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री को अपनी प्रशंसा करने वाले वक्तव्यों से परहेज़ करना चाहिए, क्योंकि इस समय देश एकजुट होकर सशस्त्र बलों के साथ खड़ा है। उन्होंने मांग की कि सरकार को इस मुद्दे पर संसद का विशेष सत्र बुलाना चाहिए, जिससे स्थिति स्पष्ट की जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे समय में जब विपक्षी नेताओं का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेश दौरे पर है, तब तक चुनाव प्रचार पर रोक लगनी चाहिए। उनका कहना था कि राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर सियासत से ऊपर उठकर सोचने की जरूरत है।
‘पाकिस्तान ने संसद सत्र बुलाया, भारत कब करेगा?’
खरगे ने सवाल उठाया कि भारत सरकार इस संवेदनशील मामले पर चुप क्यों है, जबकि पाकिस्तान ने भी अपनी संसद में चर्चा शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, “हम किसी भी हालत में देशविरोधी बात नहीं करेंगे, लेकिन सरकार को जनता और संसद के प्रति जवाबदेह तो बनना ही होगा।”
उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री पहले ही सेना को सभी आवश्यक अधिकार देने की बात कह चुके हैं, तो अब उनके बार-बार बयान देना उचित नहीं है।
संसद के जरिये हो रक्षा तैयारियों की समीक्षा
कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी दोहराया कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के बयान के बाद एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति के जरिए देश की रक्षा तैयारियों की समग्र समीक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया कि अमेरिकी राष्ट्रपति के दावों पर स्थिति स्पष्ट करने की बजाय वह चुनावी माहौल में अपनी छवि चमकाने में लगे हैं।
खरगे का कहना है कि सशस्त्र बलों की बहादुरी पर व्यक्तिगत श्रेय लेने की बजाय सरकार को पारदर्शिता और राष्ट्रीय एकजुटता का परिचय देना चाहिए।