ऑपरेशन सिंदूर: भारतीय सेना के शौर्य का प्रतीक बना यह लोगो, दो सैनिकों की 45 मिनट की रचना ने छू लिया देश का दिल

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नई दिल्ली, भारत द्वारा हाल ही में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर ने सिर्फ सैन्य दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि भावनात्मक स्तर पर भी देशवासियों के दिलों को गहराई से छू लिया। इस ऑपरेशन के लोगो ने दुनियाभर का ध्यान आकर्षित किया, और इसके पीछे की कहानी भी उतनी ही प्रेरणादायक है।

भारतीय सेना की विशेष पत्रिका ‘बातचीत’ के अनुसार, यह लोगो सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल हर्ष गुप्ता और हवलदार सुरिंदर सिंह की कल्पनाशक्ति और समर्पण का परिणाम है। उन्होंने मात्र 45 मिनट में इस प्रतीक को डिजाइन किया था, जो अब भारतीय सैन्य साहस का नया प्रतीक बन चुका है।

लोगो बना भावना और वीरता का प्रतीक

7 मई को भारत ने पहलगाम नरसंहार का जवाब देते हुए पाकिस्तान और पीओके में मौजूद 9 आतंकी शिविरों को निशाना बनाकर सटीक सैन्य कार्रवाई की। इसके तुरंत बाद सेना ने अपने सोशल मीडिया पर यह लोगो और एक संदेश जारी किया, जो वायरल हो गया।

सेना की रिपोर्ट के अनुसार, लोगो को सोशल मीडिया पर एक्स (पूर्व ट्विटर) पर 9 करोड़ और इंस्टाग्राम पर 51 करोड़ व्यूज मिले। यह भारतीय जनमानस के साथ सेना के भावनात्मक जुड़ाव का एक मजबूत उदाहरण है।

बातचीत’ पत्रिका का विशेष संस्करण

पत्रिका के 17-पृष्ठों के विशेष अंक की शुरुआत एक पूर्ण-पृष्ठीय प्रतीक चिह्न से होती है। इसके बाद 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले को विस्तार से याद किया गया है। इस क्रूर घटना में पांच आतंकियों ने 26 निर्दोष नागरिकों को मौत के घाट उतार दिया था। हमले की लोकेशन बैसरन घाटी एक पर्यटन स्थल थी, जहां लोग छुट्टियाँ मनाने आए थे। पत्रिका में पीड़ितों के ताबूतों की कतारें और अंतिम विदाई की मार्मिक तस्वीरें भी शामिल की गई हैं।

वित्तीय जानकारी और प्रभाव

हालांकि रक्षा मंत्रालय ने ऑपरेशन पर खर्च की आधिकारिक जानकारी नहीं दी है, लेकिन रणनीतिक विश्लेषकों का अनुमान है कि यह ऑपरेशन सीमित संसाधनों में अत्यधिक प्रभावशाली रहा। सोशल मीडिया अभियान, पोस्टर निर्माण और संचार गतिविधियों में अनुमानतः 1.5 करोड़ रुपये खर्च हुए, जिसमें से अधिकांश डिजिटल प्रचार माध्यमों पर केंद्रित थे।