भाजपा की ‘तिरंगा यात्रा’ के जवाब में तृणमूल की ‘देशभक्ति रैली’, 17 और 18 मई को

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हाल ही में पाकिस्तान के विरुद्ध भारतीय सेना द्वारा सफलतापूर्वक अंजाम दिए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भाजपा ने देशभर में ‘तिरंगा यात्रा’ की शुरुआत की है। इसके प्रत्युत्तर में तृणमूल कांग्रेस ने भी राष्ट्रवादी भावना को उभारते हुए एक समानांतर आयोजन की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देशानुसार राज्य के प्रत्येक हिस्से में 17 और 18 मई को दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक ‘देशभक्ति रैली’ आयोजित की जाएगी।

राजनीति नहीं, सामाजिक कर्तव्य: ममता बनर्जी

बुधवार को नवान्न में कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने बताया कि पार्टी की सभी इकाइयाँ – ब्लॉक, शहर और वार्ड स्तर पर – निर्धारित समय पर रैली का आयोजन करेंगी। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यह कोई राजनैतिक गतिविधि नहीं है, बल्कि देश के शहीदों को श्रद्धांजलि देने और उनके परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करने का एक सामाजिक उत्तरदायित्व है।

सूत्रों के अनुसार, प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्शी ने सभी जिला और स्थानीय इकाइयों को लिखित निर्देश देकर कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आवश्यक तैयारियाँ करने को कहा है। इस रैली का मूल उद्देश्य देश के प्रति निष्ठा, शहीदों के बलिदान का सम्मान, और भारत के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को प्राथमिकता देना है।

शहीद परिवारों को दिया जाएगा सम्मान

इस आयोजन में देशभक्ति से ओतप्रोत गीत, नारे, बैनर, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और राष्ट्रीय ध्वज के माध्यम से माहौल को जीवंत किया जाएगा। जिन क्षेत्रों में शहीद सैनिकों के परिजन मौजूद हैं, उन्हें विशेष सम्मान के साथ रैली में शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं। यह कार्यक्रम केवल पश्चिम बंगाल तक सीमित नहीं रहेगा – बल्कि 17 मई को असम और त्रिपुरा में तथा 19 मई को गोवा में भी इसका आयोजन किया जाएगा।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह पहल ममता बनर्जी की एक रणनीतिक चाल हो सकती है, जिसका उद्देश्य भाजपा की राष्ट्रवादी राजनीति को संतुलित करना है।