भारतीय सेना की शौर्यगाथा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की नायिका कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर बीजेपी मंत्री विजय शाह के विवादित बयान ने नया राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। देश और दुनिया के सामने भारतीय सेना की वीरता का परिचय कराने वाली कर्नल सोफिया को कथित तौर पर “आतंकवादियों की बहन” कहे जाने पर सोशल मीडिया से लेकर विपक्षी दलों तक तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।
क्या कहा मंत्री विजय शाह ने?
मध्यप्रदेश के इंदौर जिले के महू में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बीजेपी नेता और मंत्री विजय शाह ने मंच से बयान देते हुए कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “जिन लोगों ने हमारे देश के लोगों के कपड़े उतारे, हमने उनकी समाज की बहन को भेजकर उनकी ऐसी तैसी करवा दी।” इस दौरान मंच पर केंद्रीय मंत्री सावित्री ठाकुर और विधायक उषा ठाकुर भी उपस्थित थीं।
विपक्ष का तीखा हमला
कांग्रेस ने इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर मंत्री का वीडियो साझा करते हुए कांग्रेस ने लिखा, “हमारी बहादुर बेटियों को आतंकवादियों की बहन बताया गया है। यह बयान सिर्फ महिलाओं का नहीं, हमारी सेना और पूरे देश का अपमान है।” कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्री विजय शाह से माफी की मांग करते हुए मंत्री के इस्तीफे की मांग भी उठाई है।
अन्य दलों की प्रतिक्रियाएं
आरजेडी (RJD) ने भी बयान की निंदा करते हुए लिखा, “देश की बेटी को ‘पाकिस्तानियों की बहन’ कहकर बुलाना न केवल शर्मनाक है, बल्कि यह भाजपा की संकीर्ण और विभाजनकारी सोच को भी उजागर करता है।”
आप (AAP) ने प्रधानमंत्री से तत्काल कार्रवाई की मांग की और लिखा, “अगर बीजेपी को वास्तव में सेना और देश की बेटियों का सम्मान है, तो मंत्री विजय शाह को तुरंत बर्खास्त किया जाए।”
सोशल मीडिया पर लोगों का आक्रोश
सोशल मीडिया पर भी यूजर्स ने मंत्री विजय शाह की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। एक यूजर ने लिखा, “जो देश की सेवा में अपने प्राणों की बाज़ी लगाती हैं, उन्हें आतंकवादियों से जोड़ना बीजेपी की घिनौनी मानसिकता को दर्शाता है।”
दूसरे ने कहा, “अगर बीजेपी को सच्चे देशभक्तों की कद्र है तो ऐसे नेताओं को पार्टी से बाहर निकाले।”
कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिया गया यह बयान केवल राजनीतिक विवाद नहीं, बल्कि सेना के सम्मान और महिलाओं की गरिमा से जुड़ा मामला बन गया है। जनता और राजनीतिक दलों की एक स्वर में की गई निंदा यह साबित करती है कि भारत की वीरांगनाओं का अपमान किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा।