भारत का ‘ऑपरेशन सिंदूर’: निर्णायक और सटीक कार्रवाई,पड़ोसी देश में दिखा अमेरिकी विमान, क्या परमाणु रिसाव के संकेत?

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10 मई को भारत ने पाकिस्तान की ओर से किए गए ड्रोन और मिसाइल हमलों के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक एक बड़ा सैन्य अभियान चलाया। इस ऑपरेशन के अंतर्गत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों पर सटीक और प्रभावशाली हवाई हमले किए।

इन हमलों का विशेष पहलू यह था कि:

• हमलों में किसी नागरिक को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।

• भारतीय वायुसेना ने आतंकी ठिकानों के साथ-साथ सैन्य प्रतिष्ठानों को भी निशाना बनाया।

• पाकिस्तान की ओर से हुई प्रतिक्रिया को भारत ने पूरी तरह विफल कर दिया।

स्ट्राइक के केंद्र: परमाणु प्रतिष्ठानों के पास हमले

भारत द्वारा किए गए हमलों में कुछ स्थानों का विशेष महत्व था:

1. नूर खान एयरबेस, रावलपिंडी – माना जाता है कि यह पाकिस्तान की परमाणु कमांड संरचना का अहम हिस्सा है।

2. मुशाफ एयरबेस, सरगोधा – इसके पास स्थित किराना हिल्स में पाकिस्तान की परमाणु स्टोरेज फैसिलिटी मानी जाती है।

भारत द्वारा इन इलाकों को निशाना बनाना सिर्फ एक सैन्य हमला नहीं, बल्कि एक रणनीतिक सन्देश भी था — कि भारत, पाकिस्तान के परमाणु ढांचे को भी भेदने की क्षमता रखता है।

अमेरिका की एंट्री: शांति की अपील और विमान की मौजूदगी

भारत की कार्यवाही और पाकिस्तान की घबराहट के बीच संयुक्त राज्य अमेरिका ने हस्तक्षेप करते हुए दोनों देशों से संयम बरतने और सीज़फायर की अपील की। लेकिन बात यहीं नहीं रुकी।

जल्द ही खबरें आईं कि अमेरिकी ऊर्जा विभाग का एक विशेष विमान पाकिस्तान में देखा गया। यह विमान था:

• B350 AMS (Aerial Measuring System) – जिसे परमाणु आपातकालीन सहायता कार्यों के लिए तैनात किया जाता है।

अमेरिकी विमान की भूमिका: क्या हुआ था पाक के परमाणु ठिकानों में?

इस विमान की उपस्थिति का कारण गंभीर था:

• यह वायु और भूमि में रेडिएशन का स्तर मापने के लिए भेजा गया।

• इसका उद्देश्य यह भी था कि भारत के हमले के बाद पाकिस्तान के परमाणु भंडार को कोई नुकसान तो नहीं हुआ।

यह कदम यह दर्शाता है कि अमेरिका को पाकिस्तान के परमाणु स्थलों की स्थिति को लेकर चिंता है और वह किसी भी संभावित रिसाव या क्षति का आकलन करना चाहता है।

मिस्त्र का हस्तक्षेप: बोरोन भेजा गया पाकिस्तान

एक और चौंकाने वाली खबर यह भी सामने आई कि मिस्त्र (Egypt) ने पाकिस्तान को एक विमान के जरिए बोरोन (Boron) भेजा है। बोरोन का उपयोग:

• रेडिएशन अवशोषण और न्यूक्लियर रिसाव को नियंत्रित करने में किया जाता है।

इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि:

• पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों को कुछ व्यावहारिक या संरचनात्मक क्षति हो सकती है।

• रेडिएशन के खतरे को नियंत्रित करने के लिए बोरोन का उपयोग किया जा रहा है।

बदल रही है दक्षिण एशिया की रणनीतिक तस्वीर?

‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने सिर्फ पाकिस्तान को ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के रणनीतिक विशेषज्ञों को यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब कूटनीतिक और सामरिक दोनों मोर्चों पर आक्रामक और सटीक नीति पर चल रहा है।

अमेरिका का हस्तक्षेप और तकनीकी मदद इस बात का संकेत है कि परमाणु ठिकानों को लेकर वैश्विक चिंता गहराई है।

पाकिस्तान की चुप्पी और विदेशों से मदद लेना यह दर्शाता है कि शायद उसे अपने परमाणु सुरक्षा तंत्र पर भी पूरा भरोसा नहीं है।