भारत और पाकिस्तान के बीच चले 86 घंटे लंबे युद्ध का शनिवार शाम 5 बजे औपचारिक रूप से अंत हो गया, जब दोनों देशों ने युद्धविराम (सीजफायर) पर सहमति जताई। यह निर्णय भारतीय और पाकिस्तानी सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच हुई बातचीत के बाद लिया गया। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 5 बजे से भूमि, वायु और समुद्र में किसी भी प्रकार की सैन्य कार्रवाई बंद करने पर सहमति बनी है। साथ ही, 12 मई को आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए दोनों देशों के अधिकारियों की बैठक प्रस्तावित है।
सीजफायर के चार घंटे बाद फिर से पाकिस्तानी उल्लंघन
हालांकि, शांति बहाली की इस पहल को झटका तब लगा जब सीजफायर के महज चार घंटे बाद ही पाकिस्तान ने एक बार फिर इसका उल्लंघन कर दिया। जम्मू-कश्मीर की नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना ने कई इलाकों में भारी गोलाबारी और फायरिंग की।
बारामूला में ड्रोन हमला, जम्मू में ब्लैकआउट
सबसे चिंताजनक घटना बारामूला जिले में देखी गई, जहां एक संदिग्ध ड्रोन से जोरदार धमाका हुआ। इससे सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। इसके साथ ही अखनूर, राजौरी, आरएसपुरा और पलनवाला सेक्टर में भी पाकिस्तान ने तोपखाने से गोलाबारी की है।
इन घटनाओं के मद्देनजर जम्मू और बारामूला के बड़े हिस्सों में एहतियातन ब्लैकआउट कर दिया गया है। श्रीनगर के कई इलाकों में भी बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।
राजस्थान में भी बढ़ी सतर्कता
राजस्थान के पोकरण में भी ड्रोन की गतिविधियों में तेजी देखी गई है, हालांकि भारतीय डिफेंस सिस्टम इन्हें सफलतापूर्वक नष्ट कर रहा है। राजौरी में भी फायरिंग जारी है।
बीएसएफ को सख्त जवाबी कार्रवाई के आदेश
सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि पाकिस्तान की ओर से किसी भी संघर्षविराम उल्लंघन का मुंहतोड़ जवाब दिया जाए। बीएसएफ और सेना को अलर्ट पर रखा गया है।
हालांकि युद्धविराम की घोषणा ने दोनों देशों के बीच शांति की उम्मीदें जगाई थीं, लेकिन पाकिस्तान की लगातार उकसावेभरी गतिविधियां एक बार फिर क्षेत्रीय स्थिरता पर सवाल खड़े कर रही हैं। अब निगाहें 12 मई को होने वाली द्विपक्षीय बैठक पर टिकी हैं, जहां आगे की रणनीति तय की जाएगी।