झारखंड के 5 जिलों में बजे सायरन, ठप हुआ आवागमन

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रांची – भारत और पाकिस्तान के बीच यदि युद्ध की स्थिति उत्पन्न होती है तो आम जनता की क्या भूमिका होगी, इसको लेकर पूरे देश में बुधवार को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य लोगों को आपात स्थिति में सही व्यवहार सिखाना और अफरा-तफरी से बचाना था।

झारखंड में यह अभ्यास रांची, बोकारो, जमशेदपुर, गोड्डा और साहिबगंज—इन पांच जिलों के छह प्रमुख स्थानों पर किया गया। स्थानीय जिला प्रशासन और पुलिस की टीमों ने मॉक ड्रिल के दौरान सायरन बजाए और पूरे क्षेत्र में यातायात को अस्थायी रूप से बंद कर दिया।

इस ड्रिल के तहत शाम 4 बजे से रात 7 बजे तक लोग अपने-अपने घरों की बत्तियां बुझाकर, खिड़की-दरवाजे बंद करके घरों में अंधेरा कर बैठे रहे। इसका उद्देश्य था कि युद्ध जैसी स्थिति में दुश्मन देश को आबादी या गतिविधियों का कोई संकेत न मिल सके। इस दौरान इन क्षेत्रों की अधिकांश दुकानें भी बंद रहीं।

स्कूलों में भी जागरूकता अभियान

राज्य के विभिन्न स्कूलों में भी मॉक ड्रिल कराई गई। बच्चों को सिखाया गया कि सायरन बजते ही वे बेंच या टेबल के नीचे बैठ जाएं और खिड़कियों से दूर रहें। कुछ स्कूलों में बच्चों ने आपातकालीन हालात में सुरक्षित रहने के तरीकों का लाइव प्रदर्शन भी किया।

भविष्य में भी होंगे ऐसे आयोजन

प्रशासन की ओर से कहा गया है कि ऐसे मॉक ड्रिल आगे भी अन्य जिलों व क्षेत्रों में आयोजित किए जाएंगे, ताकि आम जनता सायरन की पहचान कर सके और घबराए बिना सही कदम उठा सके। यह प्रयास जनता को सजग और सुरक्षित रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।