ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने आतंकी हमले का लिया बदला, पाकिस्तान में एयरस्ट्राइक कर किए 90 से ज्यादा आतंकी ढेर

Spread the News

7 मई, 2025 – भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एक बार फिर सख्त रुख अपनाते हुए पड़ोसी देश पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों पर ज़बरदस्त हवाई हमला किया है। यह कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले के प्रतिशोध स्वरूप अंजाम दी गई। उस हमले में भारत के कई सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे और कई आम नागरिक घायल हुए थे।

एयरस्ट्राइक का विवरण

बुधवार तड़के भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने नियंत्रण रेखा (LoC) पार करते हुए पाकिस्तान के भीतर आतंकी ठिकानों पर निशाना साधा। खुफिया रिपोर्टों और सैटेलाइट डेटा के आधार पर की गई इस सटीक कार्रवाई में कम-से-कम 9 आतंकी शिविरों को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है। प्रारंभिक मीडिया रिपोर्ट्स और सैन्य सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन में 90 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।

भारतीय सेना की रणनीति

भारतीय वायुसेना ने इस ऑपरेशन में Su-30MKI और Mirage-2000 जैसे आधुनिक लड़ाकू विमानों का प्रयोग किया। इन विमानों ने पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्रों में घुसकर जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के प्रशिक्षण कैंपों को ध्वस्त कर दिया।

पाकिस्तान का जवाब और JF-17 विमान का गिराया जाना

भारत की इस कार्रवाई के जवाब में पाकिस्तान की वायुसेना ने अपने प्रमुख लड़ाकू विमान JF-17 को तैनात किया। हालांकि, भारतीय वायुसेना की त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया में एक JF-17 विमान मार गिराया गया। यह विमान पाकिस्तान-चीन की संयुक्त परियोजना का हिस्सा है।

JF-17 की विशेषताएँ:

लंबाई: 14.9 मीटर

विंगस्पैन (पंखों की चौड़ाई): 9.45 मीटर

ऊंचाई: 4.77 मीटर

अधिकतम टेकऑफ वजन: 12,474 किलोग्राम

इंजन: रूसी Klimov RD-93 या चीनी Guizhou WS-13 टर्बोफैन इंजन

अधिकतम गति: Mach 1.6 (लगभग 1,910 किमी/घंटा)

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इस कार्रवाई पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर बनी हुई है। भारत ने यह स्पष्ट किया है कि यह हमला आतंकवाद के खिलाफ था और इसका उद्देश्य केवल आतंकी ठिकानों को खत्म करना था, न कि किसी देश की संप्रभुता को चुनौती देना।

ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के खिलाफ ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति का प्रतीक बन चुका है। यह कार्रवाई एक स्पष्ट संदेश देती है कि भारत अपनी जनता की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। आने वाले समय में क्षेत्रीय सुरक्षा और राजनयिक गतिविधियों पर इस ऑपरेशन का गहरा असर पड़ सकता है।