आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार का सभी मुख्यमंत्री को निर्देश: पाकिस्तानी नागरिकों को फौरन वापस भजें

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22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कठोर और अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 17 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। देशभर में इस घटना को लेकर शोक और आक्रोश का माहौल है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उच्च-स्तरीय बैठक के बाद तत्काल प्रभाव से पाकिस्तान से जुड़े सभी वीज़ा रद्द करने का निर्देश जारी किया है। इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आदेश दिया है कि वे अपने-अपने राज्यों में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान करें और उन्हें जल्द से जल्द भारत से वापस भेजें।

सरकार ने इसके अतिरिक्त कई और सख्त कदम उठाए हैं:

1. सिंधु जल संधि निलंबित: 1960 से लागू सिंधु जल समझौते को निलंबित करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। पाकिस्तान को औपचारिक रूप से सूचित कर दिया गया है। यह संधि पाकिस्तान की जल आवश्यकताओं की रीढ़ मानी जाती थी।

2. अटारी बॉर्डर बंद: भारत सरकार ने अटारी-वाघा बॉर्डर को बंद करने का फैसला किया है। भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को 1 मई 2025 तक देश छोड़ने के लिए कहा गया है।

3. राजनयिक स्टाफ में कटौती: नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा सलाहकारों को एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। साथ ही, दोनों देशों के उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या 50 से घटाकर 30 कर दी गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक में ये फैसले लिए गए। सरकार का यह स्पष्ट संदेश है कि आतंकवाद को किसी भी रूप में सहन नहीं किया जाएगा और देश की सुरक्षा सर्वोपरि है।

इन फैसलों के ज़रिए भारत ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि वह अपनी जनता की रक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाने को तैयार है।