इस्लामाबाद। पाकिस्तान में स्थित रूसी दूतावास ने अपने नागरिकों के लिए एक अहम सलाह जारी की है, जिसमें उन्हें पाकिस्तान की यात्रा से परहेज करने को कहा गया है। यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। लगातार आ रही घटनाएं इस ओर संकेत कर रही हैं कि भारत इस हमले का जवाब बेहद कठोर और अप्रत्याशित तरीके से देने वाला है।
सूत्रों के अनुसार, INS विक्रांत और INS सूरत जैसे शक्तिशाली युद्धपोतों की अरब सागर में तैनाती, पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने का आदेश, और सिंधु जल संधि को रद्द करने की तैयारी—इन सभी कदमों से साफ है कि भारत रणनीतिक रूप से बड़ी कार्रवाई की ओर बढ़ रहा है।
इसी बीच खबर आ रही है कि बलूचिस्तान के विद्रोहियों ने कई पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया है, जिससे पाकिस्तान की अंदरूनी स्थिति और भी अस्थिर हो गई है। इन घटनाओं ने पाकिस्तान की चिंता और बेचैनी को बढ़ा दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बिहार में एक जनसभा के दौरान सख्त लहजे में कहा कि, “इस बार बदला ऐसा होगा जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। दुनिया गवाह बनेगी कि भारत अपने नागरिकों की शहादत का किस प्रकार हिसाब चुकता करता है।”
भारत के विभिन्न राज्यों से पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के आदेश पहले ही जारी कर दिए गए हैं। अब सबकी निगाहें भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई पर टिकी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत इस बार समय, स्थान और रणनीति—तीनों के स्तर पर कुछ ऐसा करेगा जिसकी कल्पना करना भी कठिन है।
वहीं पाकिस्तान में डर और घबराहट का माहौल है। उनकी सेनाएं हाई अलर्ट पर हैं और आम नागरिक चिंतित हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे “चोर की दाढ़ी में तिनका” वाली कहावत साकार हो रही हो। उन्हें यह बखूबी एहसास है कि जिन आतंकियों को उन्होंने पाला-पोसा, वही अब उनके विनाश का कारण बन सकते हैं।
भारत-पाक के बीच यह तनाव केवल क्षेत्रीय नहीं, बल्कि वैश्विक चिंता का विषय बन चुका है। रूस जैसे देशों की चेतावनी इस बात का संकेत है कि आने वाले समय में दक्षिण एशिया में हालात तेजी से बदल सकते हैं।