शादी की खुशियां मातम में बदलीं: बैसारण घाटी आतंकी हमले में नौसेना अधिकारी विनय नरवाल की मौत

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जम्मू-कश्मीर की शांत और खूबसूरत वादी एक बार फिर आतंक की चपेट में आ गई। मंगलवार को आतंकियों ने पहलगाम से करीब 85 किलोमीटर दूर स्थित बैसारण घाटी में कहर बरपाया। इस भीषण हमले में कम से कम 26 निर्दोष पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिनमें दो विदेशी नागरिक एक यूएई और एक नेपाल से भी शामिल हैं।

शादी के बाद हनीमून पर गए थे विनय नरवाल

इस हमले में करनाल (हरियाणा) के सेक्टर-7 निवासी भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की भी दर्दनाक मौत हो गई। विनय की शादी हाल ही में 16 अप्रैल को हुई थी और 19 अप्रैल को उनका रिसेप्शन आयोजित किया गया था। इसके तुरंत बाद वह अपनी पत्नी हिमांशी के साथ हनीमून पर कश्मीर घूमने गए थे। विनय की उम्र लगभग 28 वर्ष थी और वे कोच्चि में तैनात थे।

परिवार में छाया मातम

शादी की खुशियों से सराबोर विनय का परिवार अब गहरे सदमे में है। करनाल के सेक्टर-7 स्थित उनके घर में मातम पसरा हुआ है। पड़ोसियों के अनुसार, विनय अपनी माता-पिता और बहन के साथ रहते थे। जैसे ही विनय की मौत की खबर पहुंची, परिवार के कुछ सदस्य श्रीनगर के लिए रवाना हो गए। कोई भी कुछ कहने की स्थिति में नहीं है।

देशभर में गुस्सा और दुख

इस आतंकी हमले के बाद पूरे देश में गहरा आक्रोश और शोक है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस हमले को “हाल के वर्षों में आम नागरिकों पर सबसे बड़ा हमला” करार दिया है। उन्होंने बताया कि मृतकों में से 22 की पहचान की जा चुकी है जबकि चार अन्य की शिनाख्त की जा रही है।

पर्यटन सीजन में निशाना

यह हमला ऐसे समय हुआ है जब कश्मीर घाटी में पर्यटन और ट्रैकिंग का सीजन पूरे शबाब पर है। साथ ही, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भी इन दिनों भारत की यात्रा पर हैं, जिससे यह हमला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता का विषय बन गया है।

यह दर्दनाक घटना न सिर्फ विनय नरवाल के परिवार बल्कि पूरे देश के लिए एक गहरा घाव है। एक युवा अधिकारी, जो देश की सेवा में समर्पित था, अपने जीवन की नई शुरुआत के कुछ ही दिनों बाद आतंक का शिकार बन गया। अब सवाल यह है कि ऐसे निर्दोषों की जान कब तक आतंक की भेंट चढ़ती रहेगी?