पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में विवाद गहराया, वीसी ने डीजीपी को लिखा पत्र; कुलसचिव पर कार्रवाई की मांग

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पटना: पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में कुलपति (वीसी) प्रो. शरद यादव और कुलसचिव (रजिस्ट्रार) प्रो. एनके झा के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। अब इस मामले ने नया मोड़ ले लिया है, जब वीसी ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) को पत्र लिखकर कुलसचिव पर कार्रवाई की मांग की है।

वीसी का आरोप:

वीसी ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि 29 मार्च को सिंडिकेट की बैठक आयोजित हुई थी, जिसमें प्रो. झा शाम छह बजे तक विश्वविद्यालय में उपस्थित थे। बैठक समाप्त होने के बाद उन्होंने यह कहकर प्रस्थान किया कि वह घर से होकर आते हैं और फिर आगे की कार्रवाई करेंगे। लेकिन वे वापस नहीं लौटे, और उनका मोबाइल भी बंद पाया गया।

वीसी के अनुसार, प्रोफेसरों की प्रोन्नति और 2025-26 के बजट अनुमोदन से संबंधित महत्वपूर्ण संचिकाओं पर कुलसचिव के हस्ताक्षर आवश्यक थे। जब वे निर्धारित समय तक नहीं लौटे, तो विश्वविद्यालय के कर्मचारी गोपाल सिंह, मनोज चौधरी और योगेंद्र सिंह उनके आवास पर दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराने गए। इसके बाद, कुलसचिव ने वीसी पर आरोप लगाया कि असामाजिक तत्वों को उनके घर भेजा गया था।

वीसी ने अपने पत्र में कहा कि यदि कुलसचिव को किसी प्रकार की आपत्ति थी, तो उन्हें तुरंत पुलिस को सूचित करना चाहिए था। लेकिन तीन दिन बाद इस मामले को उठाकर विश्वविद्यालय की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया। उन्होंने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और कुलसचिव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

कुलसचिव का पक्ष:

दूसरी ओर, कुलसचिव प्रो. एनके झा ने राजभवन को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग की है।

छात्रों का विरोध प्रदर्शन:

इस विवाद के बीच, बुधवार को छात्रों ने कुलसचिव के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिससे विश्वविद्यालय का कामकाज बाधित हुआ। आंदोलन की शुरुआत कॉलेज ऑफ कॉमर्स से हुई, जहां छात्रों ने कुलसचिव पर संवादहीनता का आरोप लगाया। प्रदर्शन में रंजन, राहुल, गौतम विरासत, आदित्य, राजन झा और आनंद सहित कई छात्र शामिल थे।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है और प्रशासनिक विवाद कैसे सुलझता है।