कर्नाटक की सियासत में उथल-पुथल बढ़ती जा रही है। राज्य में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बड़ा दावा किया है कि उप-मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार जल्द ही महाराष्ट्र के एकनाथ शिंदे की राह पर चल सकते हैं। बीजेपी नेता आर अशोक ने कहा है कि कांग्रेस के अंदर सत्ता को लेकर गहरी कलह चल रही है और जल्द ही एक बड़ा नेता पार्टी छोड़कर बगावत कर सकता है।
महाशिवरात्रि के कार्यक्रम में अमित शाह संग दिखे शिवकुमार
डीके शिवकुमार हाल ही में महाशिवरात्रि के अवसर पर तमिलनाडु के कोयंबटूर में आयोजित ईशा फाउंडेशन के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे। शिवकुमार के इस कार्यक्रम में शामिल होने के बाद से ही राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई थी कि वे बीजेपी के करीब जा रहे हैं।
इससे पहले भी डीके शिवकुमार ने अपनी धार्मिक आस्था को लेकर बयान दिया था कि “मैं जन्म से हिंदू हूं और मरते दम तक हिंदू रहूंगा।” उनके इस बयान को भी बीजेपी के करीब जाने की संभावनाओं से जोड़ा जा रहा है।
बीजेपी का दावा— कांग्रेस सरकार गिरने वाली है!
कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने दावा किया कि डीके शिवकुमार जल्द ही अपने समर्थक विधायकों के साथ बीजेपी का समर्थन कर सकते हैं। इससे राज्य में कांग्रेस सरकार गिर सकती है और बीजेपी सत्ता में वापसी कर सकती है।
आर अशोक ने कहा,
“कांग्रेस के अंदर खींचतान बढ़ रही है। अब यह कांग्रेस के ऊपर है कि वे अपने डिप्टी सीएम पर कार्रवाई करेंगे या नहीं। हम सिर्फ इतना कह सकते हैं कि जल्द ही बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिलेगा।”
प्रयागराज कुंभ में स्नान से अटकलें और तेज
बीते दिनों डीके शिवकुमार प्रयागराज महाकुंभ में भी पहुंचे थे और संगम में स्नान किया था। इसे भी उनके संभावित राजनीतिक कदम से जोड़कर देखा जा रहा है। बीजेपी नेताओं का मानना है कि शिवकुमार खुद को एक मजबूत हिंदू नेता के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे वे कांग्रेस के बजाय बीजेपी के एजेंडे से ज्यादा मेल खा सकें।
क्या कांग्रेस में फूट का फायदा उठाएगी बीजेपी?
कर्नाटक में कांग्रेस सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उप-मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच तनातनी की खबरें आती रही हैं। माना जाता है कि शिवकुमार मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने सिद्धारमैया को प्राथमिकता दी। इसके बाद से ही शिवकुमार और उनके समर्थक विधायकों के असंतोष की खबरें सामने आती रही हैं।
अब सवाल यह उठता है कि क्या शिवकुमार सच में बीजेपी के साथ गठबंधन करेंगे, या यह सिर्फ विपक्ष की सियासी चाल है? फिलहाल कांग्रेस ने इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन अंदरखाने हलचल जरूर तेज हो गई है।
क्या दोबारा कर्नाटक में दोहराया जाएगा महाराष्ट्र मॉडल?
बीजेपी ने पहले महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के जरिए उद्धव ठाकरे की सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाई थी। अब कर्नाटक में भी बीजेपी उसी रणनीति पर काम कर रही है।
अगर डीके शिवकुमार सच में बीजेपी के साथ जाते हैं, तो कांग्रेस सरकार संकट में आ सकती है। हालांकि शिवकुमार को कांग्रेस छोड़ने के लिए कर्नाटक में अपने समर्थक विधायकों का पूरा समर्थन जुटाना होगा, तभी वे किसी बड़े राजनीतिक कदम की ओर बढ़ सकते हैं।
आने वाले दिनों में बढ़ सकती है सियासी सरगर्मी
फिलहाल यह मामला सिर्फ अटकलों तक सीमित है, लेकिन बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही इसे लेकर सतर्क हैं। कांग्रेस के भीतर चल रही खींचतान और बीजेपी के दावों के बीच कर्नाटक की राजनीति के नए मोड़ लेने की पूरी संभावना है। आने वाले दिनों में यह साफ हो जाएगा कि यह केवल अफवाहें हैं या सच में कर्नाटक की सरकार गिरने वाली है।