नई दिल्ली, 23 फरवरी – दिल्ली विधानसभा का पहला सत्र 24 फरवरी से 27 फरवरी तक चलेगा, जिसमें विधायकी कार्यों के लिए तीन महत्वपूर्ण बैठकें निर्धारित की गई हैं। इस सत्र में दिल्ली सरकार के कामकाज पर चर्चा के साथ-साथ आम आदमी पार्टी के कार्यकाल के दौरान लंबित रही भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की 14 रिपोर्ट्स को भी सदन में पेश किया जाएगा।
पहले दिन शपथ ग्रहण, फिर अध्यक्ष का चुनाव
सत्र के पहले दिन, 24 फरवरी को सभी नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण होगा, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव संपन्न किया जाएगा। 25 फरवरी को उपराज्यपाल का अभिभाषण होगा और इसके बाद CAG की 14 लंबित रिपोर्ट्स को सदन में रखा जाएगा। 26 फरवरी को कार्यवाही स्थगित रहेगी, जबकि 27 फरवरी को उपराज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी। इसी दिन विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव भी होगा।
CAG रिपोर्ट्स पर गरमाएगी राजनीति
दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने CAG रिपोर्ट्स को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चुनावी भाषणों में वादा किया था कि दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने पर विधानसभा के पहले सत्र में ही सभी लंबित CAG रिपोर्ट्स को पेश किया जाएगा। अब भाजपा अपने इस वादे को पूरा करने जा रही है।
सत्र पर रहेगी जनता और विपक्ष की नजर
दिल्ली की राजनीति में इस सत्र की अहम भूमिका होगी, जहां सरकार के कामकाज की समीक्षा के साथ-साथ भविष्य की नीतियों और योजनाओं पर चर्चा होगी। विपक्ष भी इन मुद्दों पर सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में है। ऐसे में दिल्ली की जनता की निगाहें इस सत्र पर टिकी हुई हैं।