बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या को लेकर चल रही एसआईटी जांच में एनआईए की एंट्री हो सकती है। बताया जा रहा है कि जांच के दौरान आरोपियों के नक्सलियों से पैसे के ट्रांजेक्शन और प्रदेश व देश के बाहर प्रॉपर्टी में इनवेस्टमेंट के प्रमाण मिले हैं। इस मामले में पुलिस को संदेह है कि ठेकेदार के नक्सलियों से संबंध थे।
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
इलाके में हुए निर्माण कार्यों के नाम पर हुए भ्रष्टाचार से प्राप्त धन का उपयोग विदेशों में भी किया गया है। सरकार इस मामले को एनआईए को हैंडओवर करने पर विचार कर रही है। पिछले दिनों ठेकेदार की जीएसटी की भी जांच की गई थी जिसमें करोड़ों की कर चोरी का मामला सामने आया था। नक्सल और टेरर से जुड़े मामलों की जांच एनआईए करती है।
साथ ही इस मामले में कई चीजें अन्य राज्यों से भी जुड़ रही हैं। इसी वजह से सेंट्रल की एजेंसी के जरिए मामले में जांच करवाने की तैयारी की जा रही है। नक्सलवाद के आड़ में जो भ्रष्टाचार अब तक ठेकेदार ने किए हैं उनकी भी जांच की जाएगी।
पीएमओ सीधे राज्य सरकार से ले रहा इनपुट
केंद्र और राज्य सरकार सीधे इस मामले में रुचि दिखा रही हैं। इसका कारण है कि बस्तर में नक्सलवाद के आड़ में किए जा रहे भ्रष्टाचार को इस एक मामले के जरिए कड़ा संदेश देना है। बताया जा रहा है कि हत्याकांड के बाद से पीएमओ सीधे राज्य सरकार से मामले में इनपुट ले रहा है।
मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद पूरे देश में आक्रोश पनपा था। केंद्र और राज्य सरकार अब इस मामले के जरिए बस्तर में पनपते भ्रष्टाचार को कुचलने की तैयारी में हैं। आरोपी ठेकेदार के माध्यम से देश-विदेश में हुई हर तरह की फंडिंग की जांच का जिम्मा एनआईए को दिया जा सकता है।