BJP और उद्धव सेना की करीबिया बड़ी! संजय राउत भी हुए सॉफ्ट

Spread the love

महाराष्ट्र के राजनीतिक हलकों में बीजेपी और उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना (UBT) के एक साथ आने की अटकलें फिर जोर पकड़ रहीं है। बीजेपी पर अक्सर कटाक्ष करने वाले उद्धव गुट के नेता संजय राउत के बयान ने इन अटकलों को बल दिया है। राउत ने दावा किया कि दोनों दलों में ऐसे कई नेता है जो चाहते है कि बीजेपी और शिवसेना (यूबीटी) फिर एक हो जाए। हालांकि राउत के बयान के बाद सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इस पर प्रतिक्रिया दी और गठबंधन संबंधी दावे को खारिज कर दिया।

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने गुरुवार को दावा किया कि सत्तारूढ़ बीजेपी के कई नेता उद्धव के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ गठबंधन करना चाहते हैं।

राउत ने यह टिप्पणी वरिष्ठ बीजेपी नेता चंद्रकांत पाटिल और शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच मुंबई हुई मुलाकात के बाद आई है। दरअसल बुधवार रात बीजेपी विधायक पराग अलवानी की बेटी के विवाह के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में ठाकरे और बीजेपी के मंत्री चंद्रकांत पाटिल के बीच बातचीत की खबर है।

इस समारोह में उद्धव के सहयोगी मिलिंद नार्वेकर ने पाटिल से पूछा कि दोनों नेता फिर कब साथ आएंगे। इस पर पाटिल ने चुटकी लेते हुए कहा, “मैं उस सुनहरे पल का इंतजार कर रहा हूं। संजय राउत ने कहा, “चंद्रकांत पाटिल बीजेपी की पुरानी पीढ़ी से हैं जो शिवसेना-बीजेपी संबंधों के महत्व को समझते हैं। यह 25 वर्षों तक अच्छी तरह से काम करता रहा।” राउत ने कहा कि बीजेपी में कई लोग पाटिल की तरह ही उस सुनहरे पल का इंतजार कर रहे हैं।

बीजेपी और शिवसेना (यूबीटी) के गठबंधन को लेकर राउत ने कहा, “यह हो सकता है.. हम बीजेपी के कुछ नेताओं की वजह से महाविकास आघाडी (एमवीए) के साथ गए। बीजेपी ने हमारी पार्टी को विभाजित कर दिया और शिंदे को हमारा हक दिया। हालांकि हमारी पार्टी में गठबंधन पर अभी तक ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई है। मुझे संदेह है कि एकनाथ शिंदे की शिवसेना कितने समय तक बीजेपी के साथ रहेगी। हम वेट एंड वाच की स्थिति में हैं।”

राउत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी नेता व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि सामान्य बैठकों को राजनीतिक नजरिये से नहीं देखना चाहिए। राउत के दावों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा, “किसी को भी इतना भोला नहीं होना चाहिए… लोग प्रीतिभोज में मिलें और गठबंधन बन जाए या दल करीब आ जाएं।’’

हालांकि, बीजेपी के साथ फिर से गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर शिवसेना (यूबीटी) के कई नेताओं ने कहा कि उद्धव जो भी निर्णय लेंगे, वे उसके साथ जाएंगे। विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि यह सच है कि बीजेपी और शिवसेना (यूबीटी) में कई लोग महसूस करते हैं कि दोनों दलों को एक साथ रहना चाहिए क्योंकि यह एक प्राकृतिक गठबंधन है, लेकिन इस पर कोई भी निर्णय पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा लिया जाएगा।

गौरतलब हो कि पिछले महीने महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सीएम फडणवीस और उद्धव ठाकरे के बीच बैठक के बाद दोनों दलों के बीच समीकरणों में बदलाव की चर्चा शुरू हुई। बाद में आदित्य ठाकरे भी विभिन्न कारणों से कई बार बीजेपी नेता से मिले। विपक्षी गठबंधन एमवीए में होने के बावजूद उद्धव गुट ने राज्य के आगामी निकाय चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा की है।