13 जनवरी को मोदी करेंगे सोनमर्ग टनल का उद्घाटन

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 जनवरी को जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग जाएंगे. वे सोनमर्ग सुरंग का उद्घाटन करेंगे. इस नए सुरंग के उद्घाटन का समय सुबह 11:45 बजे रखा गया है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मौजूद लोगों को संबोधित भी करेंगे. सोनमर्ग सुरंग परियोजना एक अहम इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है. इस पर 2700 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत आई है. उद्घाटन के बाद इस टनल से होने वाले कई फायदे खुद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गिनाए हैं, जिसकी पीएम मोदी ने सराहना भी की.

सोनमर्ग टनल परियोजना लगभग 12 किलोमीटर लंबी है और इसे 2,700 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से बनाया गया है. इसमें मुख्य सुरंग, एग्जिट सुरंग और कई पहुंच मार्ग शामिल हैं. इस परियोजना के उद्घाटन के बाद श्रीनगर और सोनमर्ग के बीच सभी मौसमों में संपर्क को बनाकर रखने में मदद मिलेगी, जो कि सुरक्षा के लिहाज से काफी अहम है.

पीएम मोदी के दौरे से पहले जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोनमर्ग का दौरा किया और एक एक्स पोस्ट में बताया, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सोमवार को होने वाली यात्रा की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए आज सोनमर्ग का दौरा किया. ज़ेड-मोड़ सुरंग के उद्घाटन से सोनमर्ग पूरे साल पर्यटकों के लिए खुला रहेगा, सोनमर्ग अब एक बेहतरीन स्काई रिसॉर्ट के रूप में विकसित होगा. स्थानीय लोगों को सर्दियों में बाहर नहीं जाना पड़ेगा और श्रीनगर से कारगिल/लेह तक की यात्रा का समय भी कम हो जाएगा.” पीएम मोदी ने उनके इस एक्स पोस्ट को शेयर भी किया और कहा, “मैं सोनमर्ग दौरे का उत्सुकता से इंतजार कर रहा हूं.”

इस परियोजना की खासियत यह है कि यह समुद्र तल से 8,650 फीट की ऊंचाई पर है और यह भूस्खलन और हिमस्खलन वाले क्षेत्रों से अलग है. इसके साथ ही, यह लद्दाख जैसे रणनीतिक रूप से अहम भारतीय क्षेत्र में सुरक्षित और बिना रुकावट के पहुंच सुनिश्चित करेगी. इस सुरंग के जरिए सोनमर्ग को टूरिस्ट के लिए डिजाइन करने की कोशिश है, जिसका सीधा फायदा पर्यटन उद्योग को मिलेगा. इससे विंटर टूरिज्म और साहसिक खेलों को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी खुलेंगे.

अपने दौरे के दौरान, प्रधानमंत्री उन निर्माण श्रमिकों से भी मिलेंगे जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में इस परियोजना को सफल बनाने के लिए काम किए हैं. सोनमर्ग सुरंग की इस परियोजना के उद्घाटन के साथ, भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की दिशा में एक और अहम मील का पत्थर जुड़ेगा, जो क्षेत्र के आर्थिक और सामरिक विकास में मददगार साबित होगा.