झारखंड में शनिवार को एनआईए ने ताबड़तोड़ छापेमारी की है। बोकारो के चतरो-चट्टी थाना क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा सुरक्षा बलों पर हमले से जुड़े मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार को दबिश दी। एनआईए की टीमों ने बोकारों में नक्सलियों के मददगार (ओवरग्राउंड वर्कर्स) और संदिग्धों के आठ स्थानों पर छापेमारी की और उनके आवासीय परिसर खंगाले। तलाशी के दौरान कई डिजिटल उपकरण समेत आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए। जब्त वस्तुओं में लैपटॉप, मोबाइल फोन, मेमोरी कार्ड, सिम कार्ड, पॉकेट डायरी शामिल हैं।
एनआईए की जांच के अनुसार, जिन संदिग्धों और ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) के आवासीय परिसरों की तलाशी ली गई, वे भाकपा माओवादी के सदस्यों से जुड़े थे और रसद पहुंचवाते थे। साथ ही लेवी की राशि वसूलने में भी मदद किया करते थे।
एनआईए अधिकारियों के मुताबिक, फरवरी-2024 में चतरो-चट्टी थाना क्षेत्र के बोकारो वन क्षेत्र सुंदर पहाड़ी में नक्सली दस्ता इकट्ठा हुआ था। इसकी गुप्त सूचना के बाद पुलिस और सीआरपीएफ की टीम को वहां तलाशी अभियान में भेजा गया था। वहां सुरक्षा बलों के पहुंचते ही उन पर नक्सलियों ने हमला कर दिया था। सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की तो नक्सली फरार हो गए थे। तलाशी अभियान में कई दस्तावेज मौके से जब्त किए गए थे। इसके बाद यूएपीए समेत विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जून-2024 में एनआईए ने फिर से केस करते हुए जांच अपने हाथ में ली थी।
माओवादी साजिश रचने के मामले में बच्चा सिंह गिरफ्तार
एनआईए ने झारखंड सीपीआई माओवादी षड्यंत्र मामले में शुक्रवार को आरोपी बच्चा सिंह को गिरफ्तार किया। बोकारो जिले के गोविंदपुर (बी) निवासी बच्चा सिंह प्रतिबंधित मजदूर संगठन समिति(एमएसएस) का राज्य सचिव रह चुका है। फिलहाल यह संगठन झारखंड में प्रतिबंधित है। वह दर्ज एफआईआर में नामजद आरोपी है। एनआईए ने अगस्त 2023 में यूए(पी) एक्ट और सीएलए एक्ट की संबंधी धाराओं के तहत आनंदपुर पुलिस से मामले को अपने हाथ में लिया था। आरोप है कि बच्चा सिंह प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) और उसके शीर्ष नेताओं से सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ था और संगठन की गतिविधियों को मजबूत करने के लिए धन संग्रह में शामिल था।
जुलाई 2022 में झारखंड के चाईबासा जिले में तीन सीपीआई माओवादी कैडरों की गिरफ्तारी के बाद स्थानीय पुलिस ने उसपर मामला दर्ज किया था। बताया जा रहा है कि वह माओवादी लाजिम अंसारी और सौरभ द्वारा लिखे पत्र को देने सीपीआई (माओवादी) के पोलित ब्यूरो सदस्य मिसिर बेसरा से मिलने जा रहा था थे। मामले में आगे की जांच जारी है।