धान क्रय केंद्रों द्वारा की जा रही है गड़बड़ी,नापो पैक्स ने की स्टॉक से 3 गुणा एंट्री

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वर्ष 2024-25 के लिए धान क्रय 15 दिसंबर से शुरू हो गया। इसकी शुरुआत होने के मात्र तीन दिन में ही गोरख धंधा उजागर होने लगा है। कहीं स्टॉक में धान शून्य है और एंट्री 1500-1600 क्विंटल कर दिया जा रहा है तो कहीं स्टॉक से तीन गुना एंट्री किया जाने लगा है।

अहम बात है कि हजारीबाग जिले के पैक्स और धान क्रय केंद्रों के द्वारा की जा रही इस तरह की गड़बड़ी का भनक हजारीबाग प्रशासन को नहीं लगी और रांची मुख्यालय को लग गया। ऑनलाइन एंट्री पर जैसे ही मुख्यालय की नजर पड़ी मुख्यालय से दो सदस्यीय पदाधिकारी की टीम ने अचानक हजारीबाग के संबंधित पैक्सों में छापा मार दिया। इस छापामारी टीम में जीएम व एक अन्य अधिकारी शामिल थे। यह छापामारी धान क्रय की शुरुआत के तीसरे दिन मंगलवार को हुई। जैसे ही इसकी भनक जिला प्रशासन के संबंधित अधिकारियों को हुई, वे सक्रिय हो गए।

प्राप्त खबर के मुताबिक इचाक ग्रीन एग्रो धान क्रय केंद्र में स्टॉक शून्य था जबकि 1500 क्विंटल धान ऑनलाइन एंट्री कर दी गई थी। वही नापो खुर्द धान क्रय केंद्र में जितना स्टॉक में धान पाया गया उससे तीन गुणा 1600 क्विंटल एंट्री कर दिया। पिछली बार ब्लैकलिस्टेड हुए वैसे पैक्स जिन्हें इस बार धान क्रय का अधिकार नहीं प्राप्त हुआ उन्होंने वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए अलग से एपीओ स्थापित कर लिया है। जिन्होंने वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए पत्नी व अन्य नाम से एपीओ स्थापित कर लिया है, इसकी शिकायत मुख्यालय तक गई जिस पर मुख्यालय ने तीन केंद्रों को क्रय करने पर रोक भी लगा दिया था बावजूद इसके यहां धान की खरीदारी हो रही है।इस तरह की गड़बड़ी पर लगाम लगाने के लिए रांची की टीम जब अचानक इचाक ग्रीन एग्रो पहुंची तो टीम दंग रह गई। इसके बाद इस टीम ने लगातार तीन पैक्स में औचक छापा मारा। जिसमें पसई पैक्स में स्टॉक में धान पाया गया लेकिन काफी धान भंडारण कक्ष के बाहर रखे हुए मिले।

हजारीबाग जिले में 36000 किसान रजिस्टर्ड है। इनमें कुछ वास्तविक किसानों में दारू प्रखंड क्षेत्र के उमेश कुमार, नंदलाल देव व अन्य किसानों ने कहा कि जितने किसान रजिस्टर्ड हैं उसमें भी बड़ा खेल है। एक किसान को अधिकतम 16 क्विंटल ही धान क्रय केंद्र में देना है। इसके कारण एक ही परिवार से कई लोगों ने रजिस्ट्रेशन करा कर अपना फर्जी आईडी बना लिया है। जिसका दुरुपयोग पैक्स अध्यक्ष व केंद्र के प्रमुख के सहयोग से फर्जी एंट्री के लिए किया जाता है।

गत वर्ष भी ऐसा ही हुआ था पिछले वर्ष भी यह एंट्री का खेल जमकर हुआ था।

राइस मील तक धान नहीं पहुंचने की बात सामने आई थी और एडवांस प्रोसेस पूरा करने के खेल में राइस मिल ने धान प्राप्त करने का पावती भी पैक्स अध्यक्षों को दे दिया था। इसी पावती को ढाल बनाकर पैक्स अध्यक्षों ने धान के मूल्य की वसूली का खेल खेला।