रांची में आदिवासी समाज का प्रदर्शन: कुड़मी की एसटी मांग का विरोध

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रांची, 15 सितंबर 2025: झारखंड की राजधानी रांची में रविवार को आदिवासी समाज ने केंद्रीय सरना समिति के बैनर तले विशाल बाइक रैली निकाली, जिसमें कुड़मी समाज की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जा मांग का कड़ा विरोध किया गया। हजारों आदिवासी युवा, बुद्धिजीवी और संगठनों ने हिस्सा लिया, जो अपनी पहचान और आरक्षण की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरे।

कुड़मी समाज, जो झारखंड, बंगाल और ओडिशा में प्रभावशाली है, लंबे समय से एसटी दर्जा मांग रहा है। उनका दावा है कि उनकी परंपराएं आदिवासियों से मिलती हैं। हाल ही में दिल्ली के जंतर-मंतर पर उनके आंदोलन और रेल-हाईवे जाम करने की धमकी ने विवाद को हवा दी। लेकिन आदिवासी संगठन इसे “साजिश” बता रहे हैं। उनका कहना है कि कुड़मी समाज हिंदू रीति-रिवाज अपनाता है, जो मुंडा, संथाल या उरांव जनजातियों से अलग है। केंद्र सरकार और ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट ने भी इस मांग को खारिज किया है।

केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने चेतावनी दी, “कुड़मी फर्जी तरीके से आरक्षण हथियाना चाहते हैं। अगर वे रेल रोकेंगे, हम हवाई जहाज रोक देंगे।” सामाजिक कार्यकर्ता ग्लैडसन डुंगडुंग ने कहा, “आदिवासी जन्म से होते हैं, बनाए नहीं जाते।” एक्स पर बहस तेज है, जहां कुछ कुड़मी मांग का समर्थन और कुछ विरोध कर रहे हैं। आदिवासियों ने अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी दी है। सरकार को तत्काल हस्तक्षेप की जरूरत है।