रांची, 2 सितंबर 2025: मोरहाबादी मैदान में कल आयोजित करम पूर्व संध्या समारोह-2025 ने झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत कर दिया। इस अवसर पर हजारों लोग एकत्र हुए, जहां पारंपरिक नृत्य, लोकगीत और करम पूजा की झलकियों ने उत्साह का माहौल बनाया। विशेष रूप से झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों ने एक समृद्ध सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत हमें सौंपी है, जिसे आगे बढ़ाना हम सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने आदिवासी समाज से एकजुट होकर राज्य के विकास में योगदान देने का आह्वान किया और सभी को करम महोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
यह समारोह करम महोत्सव की तैयारियों का हिस्सा था, जो झारखंड में अच्छी फसल और समृद्धि की कामना के लिए मनाया जाता है। राज्य के गांवों, मोहल्लों और टोलों में करम महोत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं। यह पर्व न केवल झारखंड में, बल्कि देशभर में बसे आदिवासी-मूलवासी समुदायों द्वारा धूमधाम से मनाया जा रहा है। करम महोत्सव प्रकृति पूजा, भाई-बहन के बंधन और सामुदायिक एकता का प्रतीक है। समारोह में करम डांडा नृत्य और करम वृक्ष की पूजा ने सभी का मन मोह लिया।
आयोजकों ने बताया कि यह आयोजन युवाओं को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने का प्रयास है। झारखंड की संथाल, मुंडा, ओरांव जैसी जनजातियां इस पर्व को उत्साह से मनाती हैं, जहां बहनें भाइयों की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। समारोह में सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सामाजिक एकता का अनूठा माहौल देखने को मिला।
झारखंड सरकार की सांस्कृतिक संरक्षण पहल के तहत यह आयोजन और महत्वपूर्ण हो गया। सभी को करम महोत्सव की बधाई और जोहार देते हुए आयोजकों ने पर्यावरण संरक्षण के साथ पर्व मनाने का आह्वान किया।